12 मार्च, 2024

दो कबूतर एक साथ

 





१-दो कबूतर 

बैठे एक डालपे 

गुटर गूं की 

-दाना खा रहे 

मिल बांट कर प्यार से 

खुश हो कर 

- प्यार ही प्यार 

फैला आसमान में 

मीठी बोली है 

 उड़ान भरी

 कबूतर सामान 

नही आराम 

-है मेहनती 

किसी से कम नहीं 

अलग दिखे 

संदेश देता 

अपनी ही  प्रिया को 

पत्र दे कर 

कबूतर है 

साथ में कोई नहीं 

 पत्र वाहक 

अनुशासन 

  कबूतर सामान 




-दो कबूतर 

बैठे एक डालपे 

गुटर गूं की 

-दाना खा रहे 

मिल बांट कर प्यार से 

खुश हो कर 

- प्यार ही प्यार 

फैला आसमान में 

मीठी बोली है 

 उड़ान भरी

 कबूतर सामान 

नही आराम 

-है मेहनती 

किसी से कम नहीं 

अलग दिखे 

संदेश देता 

अपनी ही  प्रिया को 

पत्र दे कर 

कबूतर है 

साथ में कोई नहीं 

 पत्र वाहक 

अनुशासन 

  कबूतर सामान 

नही आराम 

-है मेहनती 

किसी से कम नहीं 

अलग दिखे 

-संदेश देता 

अपनी ही  प्रिया को 

पत्र दे कर 

-कबूतर है 

साथ में कोई नहीं 

 पत्र वाहक 

अनुशासन 

सिखा  रहा  किससे

कहाँ जाकर 


 





१-दो कबूतर 

बैठे एक डालपे 

गुटर गूं की 

-दाना खा रहे 

मिल बांट कर प्यार से 

खुश हो कर 

- प्यार ही प्यार 

फैला आसमान में 

मीठी बोली है 

 उड़ान भरी

 कबूतर सामान 

नही आराम 

-है मेहनती 

किसी से कम नहीं 

अलग दिखे 

संदेश देता 

अपनी ही  प्रिया को 

पत्र दे कर 

कबूतर है 

साथ में कोई नहीं 

 पत्र वाहक 

अनुशासन 

  कबूतर सामान 



आशा सक्सेना






2 टिप्‍पणियां:

Your reply here: