आपने बहुत सादे शब्दों में गहरी बात कह दी कि सपनों और मन की चाल पर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं होता। कभी वो आते हैं, कभी चले जाते हैं, और हम बस उन्हें जगह देते रहते हैं। सच कहूँ तो ये छोटी कविता पढ़कर एक अजीब-सी शांति महसूस हुई, जैसे किसी ने भीतर की उलझनों को शब्दों में बाँध दिया हो।
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सादे शब्दों में गहरी बात कह दी कि सपनों और मन की चाल पर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं होता। कभी वो आते हैं, कभी चले जाते हैं, और हम बस उन्हें जगह देते रहते हैं। सच कहूँ तो ये छोटी कविता पढ़कर एक अजीब-सी शांति महसूस हुई, जैसे किसी ने भीतर की उलझनों को शब्दों में बाँध दिया हो।
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