14 मार्च, 2024

सहज सुदर

 

काले कजरारे

प्यारे बड़े दीखते

दो नयना मतवारे

जल भरा नयनों में

उसकी  रफ्तार

बहती नदिया सी

साथ लिए जाती

कई कण जल  

अपने संग |

सभी को पसंद हैं

येजल भरी  आँखें

निराला अंदाज लिए

सभी चाहते उनसा होना |

मुझे भी पसंद

 ये भोली  प्यारी आखे |

आशा सक्सेना

1 टिप्पणी:

Your reply here: