खिच गई दीवार नफरत की
दो
दिलों के बीच आपस में
कैसे
उसे खँडहर कर पाएंगे
मलवे को दूर हटाएंगे कैसे |
दिल में टूटा शीशा घुसा है
मन में मैल भीषण भरा है
रक्त का रिसाव बहुत हो रहा
उसे
नियंत्रित कर पाएगे कैसे |
हर समय कोई न होगा मध्यस्थ
आपस में बीच बचाव के लिए
आपस में समझोते तक पहुंचेंगे कैसे
सुलह सफाई कर पाएंगे कैसे |
हालात बाद से बत्तर हुए है
अब कोई उम्मीद नहीं रही शेष
उलझन
से निजाद को पाने की
उसको
हल करने की होगी पहल कैसे |
पहले कौन झुके कौन पहल करे
अभी तक निराकरण हो नहीं पाया
यूँही समय बरबाद करने से क्या लाभ
इसका कोई हल खोज पाएंगे कैसे |
आशा