08 मई, 2016
07 मई, 2016
है पढ़ना आवश्यक
जाना ऊंचाई तक
मेरी बिटिया |
मां का प्यार
है सम्बल उसका
बहुत पढेगी |
३-
नई पोशाक
की सुन्दर चुटिया
हुई तैयार |
४-
पर पढ़ना ही है
मन कहता |
5-
5-
नहीं है बस्ता
आज पहला दिन
चल जाएगा |
6-
है तो निर्धन
इच्छा शाला जाने की
प्रवल रही |
७-
है उत्साहित
मां की तैयारी से
शाला जाना है |
८-
बेटी तैयार
समय की पावंद
माता प्रसन्न |
९-
बेटी पढाओ
शिक्षित होगी जब
समृद्धि लाए |
१०-
मां ने सजाया
शाला में पहुंचाया
वह आगे बढी |
आशा
आज पहला दिन
चल जाएगा |
6-
है तो निर्धन
इच्छा शाला जाने की
प्रवल रही |
७-
है उत्साहित
मां की तैयारी से
शाला जाना है |
८-
बेटी तैयार
समय की पावंद
माता प्रसन्न |
९-
बेटी पढाओ
शिक्षित होगी जब
समृद्धि लाए |
१०-
मां ने सजाया
शाला में पहुंचाया
वह आगे बढी |
आशा
06 मई, 2016
04 मई, 2016
अंधी भीड़
जुटी भीड़ एक जलसे में
एक समूह ने कुछ कहा
चर्चा पर चर्चा हुई
आनन् फानन मेंबात बढी
जाने क्या बात हो गई
आपस में तकरार हो गई
पहले बहस फिर हाथापाई
फिर पत्थरबाजी शुरूहुई
पत्थर से पत्थर टकराए
चिंगारियां उड़ने लगीं
कब चिंगारी आग में बदली
कोई नहीं जान पाया
भागमभाग ऐसी मची
कोई भागा कोई गिरा
लड़ाई झगड़ा भूल गए
पलायन में ही हित समझ
बाहर आ कर दम लिया
दमकल आई आग बुझाई
बड़ा हादसा टल गया
जन हानि ना हुई होना था जो हुआ
मजा जलसे का किरकिरा हुआ |
आशा
03 मई, 2016
01 मई, 2016
है आज मजदूर दिवस
है आज मजदूर दिवस
क्यूं न पूरी मजदूरी दें
श्रमिक का दिल न दुखाएं
श्रमिक को सम्मान दें |
वह दिन भर खटता रहता
जो कुछ पाता घर चलाता
काम न मिले तो झुंझलाता
सोचता आज चूल्हा कैसे जले |
असंतोष उसे मधुशाला ले जाता
कुटेव का आदी हो जाया
दरिद्र देवता देख लेता घर
वहीं अपने पैर जमाता |
आएदिन झगड़े फसाद
ढाने लगते क़यामत
सारा जीवन यूं ही गुजरता
अभावमय जीवन होजाता |
समस्या है बहुत विकट
कोई हल न निकला आज तक
आज हम प्रण लें
किसी का हक न मारें
पूरी मजदूरी देंगे
मजदूर का सम्मान करेंगे |
आशा
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