गिन गिन दिन चिंता बढी
कारण समझ न पाई
दो दिन पूर्व ही आने को थे
ना आए क्या बात हुई
कल भी पूरा दिन बीता
रात बिताई तारे गिन गिन
दो से चार चार से आठ
अनगिनत तारों का संगठन
गिनना लगा असंभव
किये नेत्र बंद पर
निंद्रा से कोसों दूर
तुम ही तुम नजर आए
अचानक धन गरजे
बिजली कड़की
आंधी चली वृष्टि हुई
अधिक बेचैन कर गई
फोन पर तुमने कहा
फँस गया हूँ कार्य में
पांच दिन न आ सकूंगा
कुछ राहत मन को मिली
फिर भी हूँ परेशान कैसे कटें
ये पांच दिन तुम्हारे बिन |
आशा