-हे विहग शांति के प्रतीक
श्याम श्वेत सन्देश वाहक
प्रथम रश्मि के साथ आए
कुनकुनी धूप साथ लाए
जाने कहाँ से उड़ कर आते
पंक्तिबद्ध दाना चुगते
बिना बात तकरार न करते
गुटरगूं करते पंख फड़फड़ाते
गर्दन हिला संतुष्टि दर्शाते
नियमित तुम्हारा आना
आकर रोज दाना खाना
दाना समाप्त होते ही
फुर्र से कहीं उड़ जाना
यह सब तुमने सीखा कहाँ से
ना तो कभी समय चूकते
ना ही पंक्ती आगे पीछे
पंखों की गति तक होती एकसी
आगे पीछे ऊपर नीचे
बिलकुल अनुशासित सैना जैसे
नियमबद्ध आचरण तुम्हारा
उनको प्रेरित करता होगा
उन्होंने कवायत करना
तुमसे ही सीखा होगा
समूह में तुम्हारा रहना
आपस का मेलमिलाप भाईचारा
है अनुपम उदाहरण अनुशासन का
कहलाते तुम शान्ति के प्रतीक
और शान्ति के परिचायक
जाने कब आते कहीं चले जाते
हम यह भी जान न पाते
तुम कहाँ गुम हो जाते
तुम कहाँ गुम हो जाते
तुम रात्रिकालीन विश्राम करते
कहीं किसी वृक्ष पर
कहीं किसी वृक्ष पर
किसी कोटर में
कभी गुटुरगूं करते
प्रातःकाल के इन्तजार में
हम भी प्रतीक्षारत रहते
तुम्हारा इंतज़ार करते
दाना डाल प्रतीक्षा करते
प्रतिदिन राह तुम्हारी देखते |
प्रतिदिन राह तुम्हारी देखते |
आशा