१-है मन मेरा
सरिता जल जैसा
उर्म्मी उठी
२-माता व् पिता
दो पहिये गाडीके
चलते चलें
३-उमंग भरी
है मन की साधना
सब से खरी
४-होली के रंग
खेले प्रियतम से
उदासी मिटी
सरिता जल जैसा
उर्म्मी उठी
२-माता व् पिता
दो पहिये गाडीके
चलते चलें
३-उमंग भरी
है मन की साधना
सब से खरी
४-होली के रंग
खेले प्रियतम से
उदासी मिटी