10 मार्च, 2024
08 मार्च, 2024
वसंत पंचमी
आया मोसम वसंत का
हर ओर हरियाली छाई
खिले फूल पीले धरा पर
रंगीन हुआ प्रकृती का रंग
मन हर्षित हुआ झूमा
गीत गाए खुश होकर
यही भाव कविता में भरे
सभी की पोशाको में झलके
हुआ रंगीन समा वासंती चारों ओर
वाग देवी का पूजा अर्चना किया
मनाई वसंत पंचमीं
पीले मीठे भात से
आशा सक्सेन
तुलना दौनों की
इन सारी हरकतों का
बेमतलब की तांका झाकी का
कोई अर्थ नहीं
ये सब को रास न आती
मन को जब रास न आए
जिन्दगी ही रूठ जाए |
सही राह मिलते ही
जीवन सही पटरी पर
नहीं चाहता
जाने के लिए अपना मन बनाए
इघर उधर झांकते
सारा जीवन बीत गया है
यूँही इधर उधर झांकते
कोई हल नहीं निकला
सितारा देखा जब भी
तुम से किसी की
तुलना नहीं हो पाई |
तुम चाँद और तारे
आसपास तुम्हारे
तुम सा कोई नहीं
आकाश गंगा में
जैसे भी हो सब से अलग
हो
हो सारे आसमान में |
बड़ी सफलता पाई इसरो ने
तुम पर भारत का
तिरंगा झंडा फैला कर
प्रधान मंत्री मोदी ने भी की दिल से प्रशंसा
यहाँ की प्रगति देख कर |
आशा सक्सेना
07 मार्च, 2024
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
हूँ आज की आधुनिक महिला
कर्मठ हूँ और सजग
किसी से कम नहीं
सभी कार्य कर सकती हूँ |
किसी पर आश्ररित नहीं हूँ
अपने बलपर खडी हूँ
मुझसे कोई जीत नहीं सकता
किसी की कोई जरूरत नहीं मुझको
हर वर्ष अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस आता है
महिलाओं को सन्मानित किया जाता है
मुझे भला लगता है |
मैं अपने कर्तब्य का पालन करती हूँ
मन से कार्य करना करती हूँ
किसी कार्य से पीछे नही हटती
जब मुछे प्रसंशा मिलती
सबको धन्यवाद करती |
आशा सक्सेना
जीवन क्या चाहे
इन सारी हरकतों का |
बेमतलब की तांका झाकी
सब को रास न आती
मन को जब रास न आए
जिन्दगी ही रूठ जाए |
सही राह मिलते ही
जीवन सही पटरी पर आना नहीं चाहता
जाने के लिए अपना मन बनाए
इघर उधर झांकते
सारा जीवन बीत गया है
यूँही इधर उधर झांकते
कोई हल नहीं निकला
सितारा देखा जब भी
तुम से किसी की
तुलना नहीं हो पाई |
तुम चाँद और तारे
आसपास तुम्हारे
तुम सा कोई नहीं
आकाश गंगा में
जैसे भी हो सब से अलग
हो
हो सारे आसमान में |
बड़ी सफलता पाई इसरो ने
तुम पर भारत का
तिरंगा झंडा फैला कर
मोदी जी ने भी की प्रशंसा
यहाँ की प्रगति देख कर |
आशा सक्सेना
आया वसंत
रति पती ने घूमने का मन बनाया
सारा माहोल बदला हुआ वासंती |
शिवजी का मन हुआ अनंग
हर ओर प्रकृति में रंगीनी छाई
खुशहाल मौसम ने जीवन ने ली अंगडाई