तलाश खुशी की है
हर समय की उदासी कैसे कोई सहन कर पाए
जीवन में कुछ भी नहीं है
जो वह कुछ भी सहन ना कर पाए |
जितनी भी कोशिश की सभी व्यर्थ नजर आई
सह न पाई हंसी मजाक का तौर तरीका
मनन किया कितना घटिया
है स्तर इनकी सोच का
पहले टोकना चाहा फिर मौन हुई
खुद में ही सिमट कर रह गई |
जिसकी जैसी सोच वह वैसे ही करे व्यवहार
दूसरों पर फबतियां कसना कोई कैसे सहन करे
आखिर उसकी भी है तो कोई मन मर्जी है
केवल उदासी ही नहीं है जीवन का एक लक्ष्य |
कभी खुशी की भी तलाश होती है
पर किसी निश्चित सीमा तक
उसका जीवन सीमाओं में बंधा है
उनका उल्लंघन रास नहीं आता उसे |
आशा