06 अक्तूबर, 2020

कोयल की मीठी सी बोली

वाणी का माधुर्य

कानों में मधुर  रस घोले

है वही भाग्यशाली जो

उसका अनुभव  करे |

जितनी मिठास बोली में होगी

कभी अनुभव तो की होगी

उससे बंचित रहे यदि

बड़ी अनहोनी झेली  होगी |

मीठी मिश्री सी बोली

भाग्य की नियामत है

प्रभु की दी सौगात है

सब के नसीब में कहाँ |

आशा 

 

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