30 अगस्त, 2016
27 अगस्त, 2016
तलाश अभी बाक़ी है
साँसों पर पहरा लगा है
जिन्दगी की तलाश बाक़ी है
आशा निराशा में झूलता मन
सत्य की तलाश अभी बाक़ी है
जहर तो मिल ही जाता है
अमृत की तलाश अभी बाक़ी है
कौन अपना कौन पराया
यही तो जानना है
गैरों की भीड़ लगी है
अपनों को पहचानना है
इल्जाम न देना बाद में कि
वफ़ा हमने नहीं की
हर वार आपने किया था
हमने तो बचाव किया था
हम तो हम हैं
हैं सब से जुदा
किसी का अक्स नहीं
मिलावट की बू नहीं
जिन्दगी की राह में
यूं ही नहीं फ़ना हुए हैं
हर सांस का हिसाब लेना है
जीवन की आस अभी बाक़ी है |
हर सांस का हिसाब लेना है
जीवन की आस अभी बाक़ी है |
आशा
24 अगस्त, 2016
जन्माष्टमी -हाईकू
मथुरा जी में
जन्म लिया कान्हा ने
कारागार में |
आधी रात में
स्वतः खुले कपाट
कान्हा के लिए |
नन्हें कान्हा को
वासुदेव ले चले
गोकुल धाम |
हो गईं धन्य
पा कर कन्हैया को
माता यशोदा |
मटकी फोड़ी
दूध दही खा कर
की बाल लीला |
बंसी बजाई
गोपियों को रिझाया
भोले कान्हा ने |
मंगल गाओ
जन्म लिया कान्हा ने
है जन्माष्टमी |
मंगल गाओ
जन्म लिया कान्हा ने
है जन्माष्टमी |
आशा
23 अगस्त, 2016
क्यों
राह क्यों नहीं दिखाई देती
अनगिनत बाधाएं आतीं
जब भी आगे आना चाहूँ
पीछे से क्यों रोक लेतीं
क्यों हैं बाधाओं का अम्बार
जिनकी नहीं रहती दरकार
क्यों हूँ वंचित खुशियों से
क्या यही लिखा है प्रारब्ध में
क्यों हैं दुनिया संकुचित
केवल मेरे लिए
क्यों बैर सभी रखते हैं मुझसे
कारण खोजना है कठिन
पर खोज अवश्य है जारी
कभी तो कारण मिलेगा
क्यों का भूत सर से उतरेगा |
आशा
21 अगस्त, 2016
18 अगस्त, 2016
खुशबू
भीनी भीनी सी सुगंध
जैसे ही यहाँ आई
तुम्हारे आने की खबर
यहाँ तक ले आई
हम जान लेते हैं
तुम्हें पहचान लेते है
अनोखी सुगंध है
अनोखा एहसास है
हजारों में भी
सब से अलग
तुम लगती हो
यही खुशबू बन गई है
परिचय तुम्हारी
उसके बिना तुम
अधूरी सी लगती हो
वह भीनी खुशबू
तुममें समा गई है
तुम्हारे जाने के बाद भी
कुछ समय महक
बनी रहती है
यही महक
प्रफुल्लित कर जाती है
तुम्हारी उपस्थिति
दर्ज करा जाती है |
आशा
16 अगस्त, 2016
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