06 मार्च, 2019

क्यूँ करें अभिमान

हूँ सक्षम किसी से कम नहीं
वे सभी कार्य कर सकती हूँ
पर कोई गलत नहीं
वर्जना यदि सही हो
स्वीकार लेती हूँ
पर गलतसही को ठीक से
पहचान लेती हूँ
पाया है श्रेष्ट जीवन का अधिकार
जब से नर तन पाया है
है अभिमान मुझे यही
श्रेष्ठ योनी में जन्म लिया है
अब सारे कर्ज चुकाना है
पूर्व के जन्मों में लिए कर्जों के|
यह अभिमान नहीं है
प्रभु को किया शत शत नमन है
क्यों करें अभिमान ?
मनुज का चोला पहना है
उसकी का प्रतिफल है 
मनुज योनी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती
तभी क्यों करें अभिमान ?
आशा |

05 मार्च, 2019

ॐ शिव शंकर


                                          ॐ नमः शिवाय  
जग के  पालक हो प्रभु शिव जी
आज के पुनीत अवसर पर
 जग करता  प्रणाम तुम्हें
शिव पार्वती की जोड़ी को
नजर ना लग जाए  किसी की
हो बड़े दयालू भोले
 हो तुम बहुत सरल सहज 
अन्तर्यामी निर्मल मन के स्वामी
बहुत जल्दी क्रोध दर्शाते
त्रिनेत्र खोल भस्म कर देते
सृष्टि के अवांछित तत्वों को
सरल स्वभाव है विशिष्टता
कंठ पर लिपटे  विषधर
शीश पर गंगा का निवास
गरल पी सबका कष्ट हर लेते
नमन तुम्हें हे शिव शंकर
 और पार्वती माता को
जग के भाग्य विधाता को |
आशा

03 मार्च, 2019

अभिनंदन





हे अभिनन्दन वीर तुम्हारा स्वागत 
 ओज टपकता मुख मंडल पर   
दिल से देते आशीष तुम्हें 
हम ‘अभिनन्दन ‘
करते हैं तुम्हारा स्वागत  
शीश झुकाते
वंदन करते भारत मां के
 वीर  सपूत   ‘अभिनन्दन ‘  का
हर भारत वासी का जज्बा
 काश  तुम्हारे जैसा होता
गर्व से देश का सर उन्नत कर देता
धन्य है वह जननी
 जिसने   पाया तुम जैसा  लाल
रोम रोम हुआ गौरान्वित माँ का  
 ऐसा बेटा  अभिनन्दन आया  
 नमन  करते नहीं थकते ' हे अभिनन्दन ‘ 
तुम्हारी देश की सुरक्षा के प्रति 
 कर्ताव्य परायणता के बोध को देख 
पलक तक न झपकाई
 तुम्हारी एक झपक पाने को
बाघा बोर्डर पर  टिकी रहीं  नजरें
 वीर सपूत के आने तक |

आशा

02 मार्च, 2019

पूर्णाहुति


सकारात्मक सोच होगा 
आत्मबल भी कम नहीं 
  पूर्ण कार्य जब हो जाएगा
सफलता कदम चूमेगी तभी
यही है प्रमुख   उद्देश्य हमारा
 सफल होने का राज हमारा
बहुत महनत से जुटे रहते
तभी सफल हो पाते उसमें
कभी हार नहीं मानते
अधूरा छोड़ते नहीं
हिम्मत से भरे रहते 
आत्मबल क्षीण न होता
कार्य  जब तक पूर्ण न हो जाएगा
मन प्रमुदित होने लगता
जब होती पूर्णाहुति उसकी
दृढ प्रतिज्ञा ही आयगी काम हमारे
सफल  मनोरथ हो जाएगा 
माना सफलता है बहुत ऊंचाई पर 
पर भय से क्या लाभ 
जब सफलता को हम छू लेंगे 
उन्नत होगा भाल |
आशा 

01 मार्च, 2019

हाईकू( अभिनन्दन )

1-फहरा कर
छाँव देता तिरंगा
देता सुकून
2-उन्नत शीश
गौरव  भर देता
होता विशेष
3-तिरंगा झंडा
रंग का है  प्रभाव
दिखाई देता
4- मित्र नहीं थे
होली खून की हुई
नदियाँ बहीं
५--प्रेम से दूरी 
पनापा अलगाव
मित्रता सुप्त
६--केवल अपना
पड़ोसी धर्म कैसा
जान न पाया  
७-तुम्हारा स्वप्न
न अधूरा रहेगा
होना है पूर्ण
८-अभिनन्दन
देश की धरती पर 
होता स्वागत

आशा














27 फ़रवरी, 2019

बहाना रोज का


है बहाना रोज का
रोज रोज देर से आना
झूठे सच्चे बहाने बनाना
एक ही  बात को
  कई बार दोहराना
फिर भी  मन को
दिलासा दिलाना
कुछ गलत नहीं किया है जाना
 अनजानें में हुई भूल को
सच्चा कह कर मन बहलाना
यही फितरत है उसकी
मिल कर बिछुड़ने की
 आदत है उसकी
फिर भी आदत को
सच का चोगा पहनाना
यही है मन का विचलन
उसने न जाना |
                                                आशा