कहाँ कहाँ खोजूं तुम्हें
यह कैसी शरारत है
क्या कोई काम नहीं मुझको
केवल तुम्हें ही खोजना है |
कितनी बार समझाया है
मुझे यूँ न सताया करो
मेरा समय बरबाद न करो
पर तुम सुनते ही नहीं हो |
यह कौनसा तरीका है खेलने का
यदि भूले से पैर फिसला
चोट लगी तो क्या होगा
आगे पीछे की सोच को उड़ान दो |
सम्हल जाओ पढाई पर ध्यान दो
समय हाथ से फिसल गया यदि
बापिस लौट के न आएगा
तुम यहीं रह जाओगे
आज की दुनिया से बहुत पीछे |
आशा