क्यों तुमने छला उसे
झूठे वादों में उलझा कर
है यह कौन सी रीत
क्यूँ भरमाया उसे |
जब वादे पूरे कर न सके
फिर उन्हें परवान
झूठे वादों में उलझा कर
है यह कौन सी रीत
क्यूँ भरमाया उसे |
जब वादे पूरे कर न सके
फिर उन्हें परवान
हतेलियों की कहें
जीवन का इतिहास
बता रहीं है
आनेवाले कल में
क्या तुम्हारे भाग्य में
थोड़ी सी
आहट भी
देती दस्तक
दिल के दरवाजे
खुले रहते
जब तक देखता
सत्य बताता
सारे जीवन का सार
समेट रहा
चुनिंदा रेखाओं में
यह करिश्मा
नहीं तो और क्या है
चंद लकीरें
खेल रहीं
भाग्य से
बड़े प्यार
से |
आशा
१-सागर में है
खारा जल संग्रह
प्यासा पथिक
२-उफनता है
दुःख तो देजाता है
सुख कितना
३-मायूस हुआ
यह हाल देखते
मन द्रवित
४-मन दुखी है
त्रासदी देख कर
क्या किया जाए
५- बरसों बीते
दुःख सुख देखे थे
स्वप्न सजे थे
६-बेकसूर हूँ
कारण तो बताओ
क्या किया मैंने
आशा
ए हुस्न की मलिका
हो प्रेरणा तुम दूसरों के लिए
यह भी न जाना तुमने
कितनी हो बेसुध अपने लिए
याद तक नहीं तुम्हें कि
क्या नियामत और है तुम्हारे पास |
जैसी कुशाग्र बुद्धि पाई तुमने
वह सब के पास नहीं होती
हो गुणों की खान तुम
ज़रा भी अभिमान नहीं तुम को |
गर्व हुआ मुझे तुम पर
तुम्हारे गुणों की सूची देखी
ईश्वर को धन्यवाद दिया कि
तुम जैसों का सान्निध्य पाया |
देखो सोचो क्या कर सकती हो
आज के समाज के लिए
यदि कोई भी कार्य हाथ में लोगी
पूर्ण करोगी तन मन धन से |
गर्व है तुम्हारे जन्मदाताओं को
फूले नहीं समाते हैं प्रशंसा तुम्हारी करते
जब भी तुम्हारे साथ होते
तुम्हें देख खुद गोरवान्वित होते |