03 जून, 2021

मन मयूर


                           मन मयूर  

कभी गुनगुनाता

गाता नाचता

मगन होता 

आनेवाले कल का 

 आगाज  कर

अपनी दशा  जता

स्वागत कर

दुगुनी प्रसन्नता

बाहों में भर

बल्लियों उछलता

 है प्रतिक्रया

कोई खेल नहीं है

बेचैनी की अस्थिर   

दशा का कोई

मेल  नहीं है

  है छोटी सी झलक

मन क्या सोचे

स्पष्ट होने लगा है

 मन मयूर

नृत्य की  प्रगति में   

बढा के थिरकन

खुशी में धड़कन

वृद्धि हुई है |

आशा

                    

02 जून, 2021

सच्ची मित्रता

                                          सच्चा मित्र वही जो

समय पर काम आए

बिना किसी प्रलोभन के

हर समय खडा हो साथ 

  हिम्मत दिलाए |

कृष्ण सुदामा की मित्रता

मशहूर है  आज  तक

उदाहरण के रूप में

इस मित्रता  के लिए |

कोई भूलता नहीं

इस तरह की मित्रता को

एक् पीढी से दूसरी को

यह किस्से सुनाए जाते |

आज कल सच्ची  मित्रता

खोजे नहीं मिलती

होते मतलव परस्त वे

रखते सतही मित्रता |

हैं वही भाग्यशाली

जिसने साथ पाया

 ऐसे मित्र का जो 

सही सलाह  देता हो 

सच में मित्रता निभाए |

आशा 

01 जून, 2021

हाइकु


 

मन अशांत
खोज रहा सुकून
चंद पलों का

जीवन राह
कठिन बहुत है
चल न पाए

मन कीपीड़ा
दुःख से भरी रही
जान न पाई
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किस कारण से है
न पहचाना
यशोदा माता
नन्द बाना पिता हैं
मेरे श्याम के

आशा

31 मई, 2021

हमकदम कैसा होता


 

कैसे रहते इस दुनिया में अकेले

कोई तो चाहिए था साथ के लिए

 हमारे जैसी सोच का मालिक होता

हम कदम होता हर पल साथ देता |

जीवन सरल नहीं है जानता सुख दुःख पहचानता

इस दुनिया में रहने के लिए जूझना पड़ता

संघर्ष के बिना कुछ भी हांसिल नहीं होता

वर्तमान में सफलतम जीवन जीने  के लिए|

 ईश्वर पर  श्रद्धा का होना है आवश्यक

अंध विश्वास से दूरी रख कर चलना होता

सामान्य सोच नहीं देता यह सदबुद्धि

विरले ही होते योग्य और सफल  जीवन में  |

जो हर कष्ट सहन करने की क्षमता रखते

वही सफल हो पाते इस भवसागर में

यदि प्रभू का वरद हस्त होता सर पर

 ले हाथ में हाथ भवसागर को पार कर तर जाते |

आशा

30 मई, 2021

क्यूँ छला तुमने


                                                                 क्यों तुमने छला उसे

झूठे वादों में उलझा कर

है यह कौन सी रीत

क्यूँ भरमाया उसे |

जब वादे पूरे कर न सके

फिर उन्हें परवान

चढ़ाया किस लिए

किसके लिए |

क्यूँ दुःख दिया उसे

झूठे वादों से बहलाया

जो पूर्ण न हो पाएंगे

उसे कष्ट दिया |

खुशी को प्रतिबंधित कर

तुम्हें क्या धन मिला

उसके विश्वास को

क्यों डगमगाया |

तुम्हारी सोच है घटिया

कोई सहन नहीं कर पाता

उसका मन भोलाभाला

तभी भरमाया तुमने |

निश्छल प्यार के लिए

होना चाहिए मन विशाल

यही समझ नहीं पाए

तो क्या किया तुमने |

प्यार की शक्ति है अनुपम

यही खोज है सर्वोत्तम

उस तक पहुँच कर ही

जान पाओगे |

आशा
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