जाने कितनी यादें
दिल में समाई
जब भी झांका वहाँ
तुम ही नजर आए |
वे सुनहरे दिन
वे उल्हाने वे वादे
सारा चैन हर लेते थे
जाने कब पलक झपकती थी
कब सुबह हो जाती थी |
स्वप्नों के झूलों में झूली
राह देखना तब भी न भूली
अधिक देर यदि हो जाती
बहुत व्यथित होती जाती |
द्वार पर होती आहट
मुझे खींच ले जाती तुम तक
नज़रों से नजरें मिलते ही
कली कली खिल जाती |
वे बातें कल की
भूल न पाई अब तक
हो आज भी करीब मेरे
पर प्यार की वह उष्मा
हो गयी है गुम |
कितने बदल गए हो
दुनियादारी में उलझे ऐसे
उसी में खो गए हो
सब कुछ भूल गए हो |
कोइ प्रतिक्रया नहीं दीखती
भाव विहीन चेहरा रहता है
गहन उदास चेहरा दीखता है
हंसना तक भूल गए हो |
इस दुनिया में जीने के लिए
ग्रंथियों की कुंठाओं की
कोइ जगह नहीं है
उन्हें भूल ना पाओ
ऐसी भी कोइ वजह नहीं है |
खुशियों को यदि ठोकर मारी
वे लौट कर न आएंगी
जीवन बोझ हो जाएगा
मुस्कान रूठ जाएगी |
आशा
बहुत सुंदर ...सार्थक ...सीख देती हुई रचना ...आपकी रचनाओं में जीवन का सार निहित होता है ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें...
जब भी झांका वहाँ
जवाब देंहटाएंतुम ही नजर आए |
वे सुनहरे दिन
वे उल्हाने वे वादे
सारा चैन हर लेते थे ....
ये मीठी यादें ही तो हमारी दौलत है।
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बहुत भावपूर्ण कविता| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत एवं भावपूर्ण रचना ! मन प्रसन्न हो गया पढ़ कर ! बधाई !
जवाब देंहटाएंखुशियों को यदि ठोकर मारी
जवाब देंहटाएंवे लौट कर न आएंगी
जीवन बोझ हो जाएगा
मुस्कान रूठ जाएगी |
जीवन्त विचारों की बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
इस दुनिया में जीने के लिए
जवाब देंहटाएंग्रंथियों की कुंठाओं की
कोइ जगह नहीं है
उन्हें भूल ना पाओ
ऐसी भी कोइ वजह नहीं है
zindagi ke ek padav ko bakhoobi ukera hai ......sundar bhaavavyakti.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जी
जवाब देंहटाएंसार्थक शिक्षा...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
सादर...
भावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंसार्थक सीख देती भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंखुशियों को यदि ठोकर मारी
जवाब देंहटाएंवे लौट कर न आएंगी
जीवन बोझ हो जाएगा
मुस्कान रूठ जाएगी ।
खुशियां ही जीवन को आसान बनाती हैं।
अच्छी कविता।
आशा जी, जितनी प्यारी कविता, उतनी सुंदर सीख। आभार।
जवाब देंहटाएं------
क्यों डराती है पुलिस ?
घर जाने को सूर्पनखा जी, माँग रहा हूँ भिक्षा।
कई दिनों बाद आया आप के ब्लॉग पर आते ही एक और सुंदर कविता पढ़ने को मिली। बधाई दीदी।
जवाब देंहटाएंbahut pyari kavita
जवाब देंहटाएंpyari si yaado ke sath ............aabhar
खुशियों को यदि ठोकर मारी
जवाब देंहटाएंवे लौट कर न आएंगी
जीवन बोझ हो जाएगा
मुस्कान रूठ जाएगी |
जिंदगी के अनुभवों से सीख लेती सुंदर प्रस्तुति.
हंसना तक भूल गए हो |
जवाब देंहटाएंइस दुनिया में जीने के लिए
ग्रंथियों की कुंठाओं की
कोइ जगह नहीं है
उन्हें भूल ना पाओ
ऐसी भी कोइ वजह नहीं है |
भाव की विश्लेषण प्रधान भाव पूर्ण प्रस्तुति ,जीवन की आंच बचाए रखने का नुश्खा .
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंबहत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में भी पधारें |
**मेरी कविता**
खुशियों को यदि ठोकर मारी
जवाब देंहटाएंवे लौट कर न आएंगी
जीवन बोझ हो जाएगा
मुस्कान रूठ जाएगी |
-बिल्कुल सही बात...उम्दा रचना.