06 मई, 2014

ए इंद्र धनुष

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12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (07-05-2014) को "फ़ुर्सत में कहां हूं मैं" (चर्चा मंच-1605) पर भी होगी!
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. वाह ! विरल दृष्टि ! अति सुंदर !

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  3. वर्चस्व की लडाई , प्रकृति का तो सिद्धांत ही यही रहा !
    सुन्दर !

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  4. प्रकृति में भी बर्चस्य की लड़ाई है ......नजर चाहिए देखने के लिए ...बहुत सुन्दर !
    New post ऐ जिंदगी !

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  5. ..... क्‍या बात है बहुत सही कहा आपने

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