20 नवंबर, 2018

रूमानी






यूँ तो हैं
साधारण से  नयन नक्श
पर दिल है बहुत रूमानी
यह  बात कम ही जानते हैं
जो जान जाते हैं
हो जाते हैं कायल उसके
हंसी उसकी ओंठों में सिमटी है
जब मुस्कुराती है फूल झरते हैं
नयनों में जल छलक आता है
बहुत नजाकत से उसे पौंछती है
 तन से तो नही सुन्दर 
मन से रूमानी है
उसकी यही अदा बहुत रूहानी है
 उसके जैसा मन किसी का नहीं
अनोखा अंदाज चलने का
कमर तक लम्बी चोटी
लहरा कर साथ चलती है
मुखड़े पर लटकी
 काकुल चूमती है उसे
रूप की आव बढाती है
है बहुत रूमानी 
सभी के मन में बस जाती है |
आशा
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