यूँ तो हैं
साधारण से नयन नक्श
पर दिल है बहुत
रूमानी
यह बात कम ही जानते हैं
जो जान जाते हैं
हो जाते हैं कायल
उसके
हंसी उसकी ओंठों में
सिमटी है
जब मुस्कुराती है
फूल झरते हैं
नयनों में जल छलक
आता है
बहुत नजाकत से उसे
पौंछती है
तन से तो नही सुन्दर
मन से रूमानी है
उसकी यही अदा बहुत
रूहानी है
उसके जैसा मन किसी का नहीं
अनोखा अंदाज चलने का
कमर तक लम्बी चोटी
लहरा कर साथ चलती
है
मुखड़े पर लटकी
काकुल चूमती है उसे
रूप की आव बढाती है
है बहुत रूमानी
सभी के मन में बस
जाती है |
आशा
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