27 दिसंबर, 2018

नव वर्ष कैसा हो



                                      स्वागत आगत  नव वर्ष का
यह वर्ष तो बीत चला
अपनी कमियों को पीछे छोड़
कुछ अच्छे कुछ व्यर्थ कार्यों का
बोझ अपने साथ लिए
नया साल आया है
आत्म विश्लेषण का
क्यूँ न आत्म मंथन कर लें
कुछ बादे  खुद से करलें  
कम ही वादे  खुद से हों
जो हों दिखावे के लिए नहीं
हों ऐसे जो पूरे  किये जा सकें
ना हों  सतही हों उपयोगी 
अपने को समाज में  
करने को स्थापित
किसी का अहित न हो
मेल मिलाप का हो मंजर
आनेवाले वर्ष में
हों  ऐसे  कार्य जिन में
 सभी के हित निहित
सबके लिए सुखदायक हों
 कामना है  यही कि आने वाला वर्ष
 सुख समृद्धि ले कर आए
चारों ओर खुशहाली लाए
 हों  ऐसे  कार्य कि
 जग  को मिले प्रेरणा  
साकार हो  समूह में
 रहने की कल्पना
  फलेफूले वसुधैव  कुटुंबकम की अवधारणा |
                                           आशा

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