23 मई, 2010

उफ ! यह मौसम गर्मी का

उफ ! यह मौसम गर्मी का ,
औरबिजली की आँख मिचौली,
बेहाल कर रही है ,
मति भी कुंद हो रही है ,
यदि कोई काम करना भी चाहे ,
बिना रोशनी अधूरा है ,
दोपहर की गर्म हवा ,
कुछ भी करने नहीं देती ,
सारा दिन बोझिल कर देती ,
बिना लाईट के आये ,
ऐ .सी . भी काम नहीं करता ,
कूलर की बात करें क्या ,
जब भी उसे चलायें ,
सदा गर्म हवा ही देता ,
केवल बेचैनी ही रहती है ,
नींद तक अधूरी है ,
आकाश में यदि बादल हों ,
उमस और बढ़ जाती है ,
घबराहट पैदा कर जाती है ,
कहाँ जायें क्या करें ,
कुछ भी अच्छा नहीं लगता ,
इतना अधिक तपता मौसम ,
जिससे बचने का उपाय ,
नज़र नहीं आता ,
पर इस ऋतु चक्र में ,
गर्मी बहुत ज़रूरी है ,
इसके बाद ही बारिश आती है ,
चारों ओर हरियाली छाती है ,
मन हरियाली में रम जाता है ,
उत्साह से भर जाता है ,
फिर से हल्का हो जाता है |


आशा

3 टिप्‍पणियां:

  1. हर एक की दुखती रग पर हाथ रखा है आपने ! सारे उत्तरी भारत के लोग इसी कठिनाई को झेल रहे हैं ! क्या करें बिजली के बिना तो कम्पूटर जी भी साथ नहीं दे पाते ! इस दुःख में तो सभी आपके हमदर्द हैं !

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