महकता गुलाब और गुलाबी रंग ,
सब को अच्छा लगता है ,
और सुगंध उसकी ,
साँसों में भरती जाती है ,
उसकी ओर हाथ बढ़ाती है ,
मेरा मन यह कहता है ,
जैसे हो तुम वैसे ही रहना ,
ऐ गुलाब तुम ,
कमल से ना हो जाना ,
जो कीचड़ में खिलता है ,
पर उसमें लिप्त नहींहोता ,
लक्ष्मी के चरणों में रहता ,
पर अपना प्यार न जता पाता ,
केश नायिका के न सजा पाता ,
तुम सा प्रेम न जता पाता ,
तुम चन्दन भी नहीं बनना ,
हो भुजंग से नेह जिसका ,
बेला, चमेली, हरसिंगार न बनना ,
जिनका जीवन क्षण भंगुर है ,
अमलतास के फूल ,
कई झुमकों में लटकते हैं ,
ना तो उनमें खुशबू है ,
ना हर मौसम में खिलते हैं ,
ना कभी उपहार बने ,
नहीं किसी का हार बने ,
तुम पलाश के फूल न होना ,
गुल मोहर जैसे ना होना ,
वे दूर से सुंदर दिखते हैं ,
तुम जैसे कभी न हो पाते ,
सुगंध तुम्हारी मनमोहक ,
इत्र तुम्हारा मन हरता ,
दूर-दूर तक खुशबू देता ,
मुझको सच में यह लगता है ,
तुम जैसा कोई नहीं होता ,
जब भी कोशिश की माली ने ,
तुम्हारा रूप बदलने की ,
तुमतो आकर्षक दिखने लगे ,
पर सुगंध साथ छोड़ गई ,
तुम जैसे हो वैसे ही रहना ,
बागों को सुरभित करते रहना ,
भवरों का गुंजन जब होगा ,
मंद हवा का झोंका होगा ,
खुशबू दिग्दिगंत में होगी ,
समा रंगीन हो जायेगा ,
ऐसा कोई फूल नहीं जग में ,
जो तुमसे तुलना कर पाता ,
तुम तो फूलों के राजा हो ,
काँटों में शान से जगह बनाते ,
हर अवसर पर सराहे जाते ,
इसी शान को जीवित रखना ,
कभी नष्ट न होने देना |
आशा
महकती हुई रचना बहुत ही बढ़िया है!
जवाब देंहटाएंपढ़कर हमारा भी मन महक उठा!
रचना आशा दे गयी पुलकित हुआ गुलाब।
जवाब देंहटाएंआशा ही जीवन सदा उसी आस में ख्वाब।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
तुमतो फूलों के राजा हो ,
जवाब देंहटाएंकाँटों में शान से जगह बनाते ,
बहुत बढिया
बहुत खूबसूरत भाव....
जवाब देंहटाएंज़िंदगी गुलाब का पौधा है
जिसकी हर शाखा
काँटों से भरी हुई है
फिर भी एक
गुलाब की खुशबू
हर टहनी में
बसी हुई है...
बहुत खूबसूरत भाव....
जवाब देंहटाएंभी वाह ! सुन्दर भावों से सुरभित गुलाब की तरह ही बहुत ही शानदार रचना ! आज तो सारा दिन इसी के खुमार से महका रहेगा ! बधाई !
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंफिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई