इस चमक दमक कि दुनिया में ,
तुम्हारी तलाश मुझे रहती है ,
क्यूँ फीके रंगों की बात करूं ,
समा रंगीन बर्बाद करूं ,
हर सुबह तुम्ही से होती है ,
हर शाम तुम्हीं से होती है ,
मैं शमा जलाए बैठी हूं ,
हर रात तुम्ही में खोती है ,
केवल एक झलक पाने को ,
मन की प्यास बुझाने को ,
कितने ही यत्न किये मैने ,
पर कभी सफलता पा न सकी ,
इस दूरी को मिटा न सकी ,
सारा बैभव छोड़ दिया ,
दुनिया से खुद को दूर किया ,
एकाग्र मना मैं सोच रही ,
तुम जैसा खुद को ढाल रही ,
कभी तो मन पसीजेगा ,
अपनी ओर आकृष्ट करेगा ,
यह तो एक ऐसा बंधन है ,
जिसे समझना मुश्किल है ,
अदृश्य नियंता ने जाने कब ,
मुझको इसका भान कराया ,
तुम्हीं को पाने के लिए ,
बंधन प्रगाढ़ बनाने के लिए ,
मैं सारी हदें पार करूंगी ,
तलाश मेरी जब पूरी होगी ,
पूरे दिल से सत्कार करूंगी ,
कितनी भी कठिनाई आए ,
मैं तुम्हें पा कर ही रहूंगी |
आशा
बंधन प्रगाढ़ बनाने के लिए ,
जवाब देंहटाएंमैं सारी हदें पार करूंगी ,
तलाश मेरी जब पूरी होगी ,
पूरे दिल से सत्कार करूंगी ,
प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति ।
मगर प्रेम का सौंदर्य सिर्फ उसके पा जाने में ही नहीं है
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास से भरपूर कविता ...बना रहे यह विश्वास ...
शुभकामनायें ..!
अति सुन्दर ! ऐसा ही आत्मविश्वास और लगन बनी रहनी चाहिए तभी लक्ष्य की प्राप्ति आसान होगी ! बढ़िया और उद्देश्यपूर्ण रचना !
जवाब देंहटाएंयह दृढ निश्चय मन को भाया ...अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत भाई मेरे मन को आपकी कविता और कविता की शैली.........
जवाब देंहटाएंबधाई !
अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत पुरानी यह पोस्ट देखी बहुत आश्चर्य हुआ
जवाब देंहटाएंआशा
तुम्हीं को पाने के लिए ,
जवाब देंहटाएंबंधन प्रगाढ़ बनाने के लिए ,
मैं सारी हदें पार करूंगी ,
तलाश मेरी जब पूरी होगी ,
पूरे दिल से सत्कार करूंगी ,
कितनी भी कठिनाई आए ,
मैं तुम्हें पा कर ही रहूंगी |
वाह! बहुत सुन्दर आशा है,आशा जी.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह! वाह! सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसादर बधाइयां....