तुम जाना चाहती हो चली जाना ,
पर मेरी कृतियों को ,
साथ ले जाना .
जो लिखी तो मैंनें हैं ,
पर उनकी आत्मा तुम्ही हो ,
मेंने तो कुछ शब्द चुने हैं ,
पर प्रेरणा स्त्रोत तुम्ही हो ,
मैं तो मात्र प्यार में डूबा था ,
तुम में खोया रहता था ,
मैं अभी तक समझ नहीं पाया ,
तुम जाने क्या समझ बैठीं ,
अपने आत्मीय रिश्तों को ,
तुम कैसे तोड़ पाओगी ,
इन आंसुओं के उफान पर,
कैसे काबू कर पाओगी ,
जाना चाहती हो जाओ ,
पर कारण तो बताती जाओ ,
मैं तुम्हें कहाँ खोजूंगा ,
चाहे जहां कहाँ भटकूंगा ,
अपने खाली पन के बोझ तले ,
इतना अधिक दब जाउंगा ,
न ही कोई कविता बनेगी ,
ना ही उस पर बहस होगी ,
कभी तो मुझे याद करना ,
मेरी मूक मोहब्बत पर ,
थोड़ा तो विश्वास करना ,
ज़रा सा कभी विचार करना ,
मेरी थाथी को ,
बहुत सम्हाल कर ले जाना ,
असमय की वर्षा में कहीं ,
सब समाप्त न हो जाए ,
या कहीं न बह जाए ,
तुमतो मेरी कविता हो ,
तुमसे ही है जीवन मेरा ,
मैं केवल तुम्हारा हूं ,
सदा तुम्हारा ही रहूँगा ,
जब चाहो चली आना ,
मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगा |
आशा
bahut pyari rachna hai
जवाब देंहटाएंAsha Maa Parnam
जवाब देंहटाएंaaj to bahut hi kamaal ka likh ahai aapne..
pyari rachna....
जाना चाहती हो जाओ ,
जवाब देंहटाएंपर कारण तो बताती जाओ ,
मैं तुम्हें कहाँ खोजूंगा ,
चाहे जहां कहाँ भटकूंगा ,
अपने खाली पन के बोझ तले ,
इतना अधिक दब जाउंगा ,
न ही कोई कविता बनेगी ,
ना ही उस पर बहस होगी ,
कभी तो मुझे याद करना ,
--
बहुत सुन्दर रचना!
--
एक-एक शब्द हृदय में सीधा उतर जाता है!
शीर्षक देख चला आया आपको पढने , मानवीय संवेदना का बेहतरीन चित्रण किया है आपने ! शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सम्हाल कर ले जाना ,
जवाब देंहटाएंअसमय की वर्षा में कहीं ,
सब समाप्त न हो जाए ,
या कहीं न बह जाए ,
तुमतो मेरी कविता हो
बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति आशा जी
आभार
मेंने तो कुछ शब्द चुने हैं ,
जवाब देंहटाएंपर प्रेरणा स्त्रोत तुम्ही हो ,
मैं तो मात्र प्यार में डूबा था ,
तुम में खोया रहता था ,
मैं अभी तक समझ नहीं पाया ,
तुम जाने क्या समझ बैठीं ,
waah atyant hi bhaawnatmak aur samvedansheel rachna.
बहुत सुन्दर .....इस रचना में मन की संवेदनाएं छलक पड़ी हैं ...
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जवाब देंहटाएंसकारात्मक भावों से ओतप्रोत रचना।
…………..
अंधेरे का राही...
किस तरह अश्लील है कविता...
खूबसूरत..अच्छा लगा यहाँ आकर...
जवाब देंहटाएं________________________
'पाखी की दुनिया' में 'लाल-लाल तुम बन जाओगे...'
बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण और संवदनाओं से भरपूर रचना ! मन की हलचल को बड़ी खूबसूरती के साथ रचना में उकेरा है ! मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति के लिये बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआशा माँ,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
!!!!!!!!!!!!!!!!!!
आशीष
बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति...!
जवाब देंहटाएंआभार !
रचना बहुत ही सुन्दर है |
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