05 अगस्त, 2010

मेरी कृतियों को साथ ले जाना

तुम जाना चाहती हो चली जाना ,
पर मेरी कृतियों को ,
साथ ले जाना .
जो लिखी तो मैंनें हैं ,
पर उनकी आत्मा तुम्ही हो ,
मेंने तो कुछ शब्द चुने हैं ,
पर प्रेरणा स्त्रोत तुम्ही हो ,
मैं तो मात्र प्यार में डूबा था ,
तुम में खोया रहता था ,
मैं अभी तक समझ नहीं पाया ,
तुम जाने क्या समझ बैठीं ,
अपने आत्मीय रिश्तों को ,
तुम कैसे तोड़ पाओगी ,
इन आंसुओं के उफान पर,
कैसे काबू कर पाओगी ,
जाना चाहती हो जाओ ,
पर कारण तो बताती जाओ ,
मैं तुम्हें कहाँ खोजूंगा ,
चाहे जहां कहाँ भटकूंगा ,
अपने खाली पन के बोझ तले ,
इतना अधिक दब जाउंगा ,
न ही कोई कविता बनेगी ,
ना ही उस पर बहस होगी ,
कभी तो मुझे याद करना ,
मेरी मूक मोहब्बत पर ,
थोड़ा तो विश्वास करना ,
ज़रा सा कभी विचार करना ,
मेरी थाथी को ,
बहुत सम्हाल कर ले जाना ,
असमय की वर्षा में कहीं ,
सब समाप्त न हो जाए ,
या कहीं न बह जाए ,
तुमतो मेरी कविता हो ,
तुमसे ही है जीवन मेरा ,
मैं केवल तुम्हारा हूं ,
सदा तुम्हारा ही रहूँगा ,
जब चाहो चली आना ,
मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगा |
आशा

14 टिप्‍पणियां:

  1. जाना चाहती हो जाओ ,
    पर कारण तो बताती जाओ ,
    मैं तुम्हें कहाँ खोजूंगा ,
    चाहे जहां कहाँ भटकूंगा ,
    अपने खाली पन के बोझ तले ,
    इतना अधिक दब जाउंगा ,
    न ही कोई कविता बनेगी ,
    ना ही उस पर बहस होगी ,
    कभी तो मुझे याद करना ,
    --
    बहुत सुन्दर रचना!
    --
    एक-एक शब्द हृदय में सीधा उतर जाता है!

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  2. शीर्षक देख चला आया आपको पढने , मानवीय संवेदना का बेहतरीन चित्रण किया है आपने ! शुभकामनायें

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  3. बहुत सम्हाल कर ले जाना ,
    असमय की वर्षा में कहीं ,
    सब समाप्त न हो जाए ,
    या कहीं न बह जाए ,
    तुमतो मेरी कविता हो

    बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति आशा जी
    आभार

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  4. मेंने तो कुछ शब्द चुने हैं ,
    पर प्रेरणा स्त्रोत तुम्ही हो ,
    मैं तो मात्र प्यार में डूबा था ,
    तुम में खोया रहता था ,
    मैं अभी तक समझ नहीं पाया ,
    तुम जाने क्या समझ बैठीं ,

    waah atyant hi bhaawnatmak aur samvedansheel rachna.

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  5. बहुत सुन्दर .....इस रचना में मन की संवेदनाएं छलक पड़ी हैं ...

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  6. खूबसूरत..अच्छा लगा यहाँ आकर...
    ________________________
    'पाखी की दुनिया' में 'लाल-लाल तुम बन जाओगे...'

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  7. बहुत ही भावपूर्ण और संवदनाओं से भरपूर रचना ! मन की हलचल को बड़ी खूबसूरती के साथ रचना में उकेरा है ! मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति के लिये बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  8. बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति...!
    आभार !

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