25 सितंबर, 2010

एक कहानी यह भी

आगे बढ़ते कदम ,
समय के साथ बिताए लम्हें,
तरह तरह के अनुभव ,
और संबंध उनका जीवन से ,
कहते हें कहानी जीवन की ,
जो है बड़ी रूहानी ,
है संबंध इतना गहरा ,
कि छोड़ जाता है निशान,
समय की रेत पर ,
है कठिन कहना ,
क्या उकेरा गया है निशान पर ,
होता जीवन कभी,
गर्म जल की धारा सा ,
कभी ठंडे जल के प्रवाह सा ,
कभी कठिनाई से भरा हुआ ,
समस्याओं से घिरा हुआ ,
जूझता अपने अस्तित्व के लिए ,
होता कभी खुशियों से भरा ,
रंगबिरंगी सतरंगी स्मृतियों सा ,
तब सहज भाव से आगे बढ़ता है ,
दुनियादारी से दूर बहुत ,
पर है एक विलक्षण गुण उसमे ,
जिस पर कभी सोचा न गया ,
देखा अडिग विश्वास और समर्पण ,
साथ ही देखी निष्ठा उसमे ,
वह बेवफा नहीं होता ,
दर्द ए दिल सहन करता है ,
तो कभी स्नेह बांटता है ,
वह उस दिन से साथी है ,
जब पहले कदम पड़े धरती पर ,
साथ निभाता है अंत तक ,
यही उसका वादा है,
हर सांस के साथ आगे बढ़ता है ,
सदा साथ रहता है ,
जैसे ही काया मुक्त होती है ,
कुछ ठहराव आता है ,
पर है वह कर्मठ ,
अधिक समय नहीं रुकता ,
और कहीं चला जाता है |
आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. साहस और पराक्रम देती पंक्तियाँ इस कविता का सबसे मजबूत पक्ष है

    धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  2. jeevan ke her pahlu ko spasht kartee gahree soch ko ujagar kartee bahut
    prabhavshalee prastuti .
    Aabhar

    जवाब देंहटाएं
  3. जीवन के पहलुओं को और उसकी जद्दोजहद को सुंदर शब्द दिए हैं.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर ! एक सार्थक और सशक्त प्रस्तुति ! बधाई एवं शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: