16 अप्रैल, 2011

विभिन्न आयाम सौंदर्य के

सभ्यता विकसित हुई
सौन्दर्य बोध भी हुआ
प्रारम्भ हुआ दौर
सजाने ओर सवरने का |
सुडौल देह दाड़िम दन्त पंक्ति
ओर गालों में पड़ते डिम्पल
होते केंद्र आकर्षण के
केश विन्यास विशिष्ट होता था
बढाता था ओर इसे |
कमर तक बल खाती चोटी
चेहरा चूमती काकुल
सोलह श्रृंगार कर कामिनी
लुभाती अपने प्रियतम को |
हिरणी से चंचल कजरारे नयन
ताम्बुल रचित रक्तिम अधर
लगती थी गज गामिनी सी
शायद उसे ही उकेरा गया था
प्रस्तर की प्रतिमाओं में |
धीरे से परिवर्तन आया
लम्बी बलखाती चोटी
जुड़े में सिमटने लगी
पर था उसका अपना आकर्षण |
अब कटे लहराते खुले बाल
बालाओं की पसंद बने
आधुनीक कहलाने की होड़ में
वे छोटे होने लगे |
पुरुषों में भी परिवर्तन आया
दाढी बढ़ाई मूंछें रंगीं
कुछ अलग दिखने की चाह में
बाल तक रंगने लगे |
वय प्राप्त लोग भी
कैसे पीछे रह जाते
कुछ आदत या युवा दिखने की चाहत
बाल रंगना न छूट पाया |
जब बालों में पतझड़ आया
उम्र ने भी प्रभाव दिखाया
पहले तो उन्हें रंगा सवारा
फिर भी जब असंतोष रहा
कह दिया, है गंज
निशानी विद्वत्ता की |
आशा



10 टिप्‍पणियां:

  1. आशा जी,
    बहुत खूब.
    सौंदर्य के विभिन्न आयाम सुन्दर हैं.
    पर आप बालों पर अटक गयी
    जुल्फों में भटक गयी ,
    और जाते जाते
    मर्दों को झटक गयी .

    जवाब देंहटाएं
  2. सौन्दर्य के विभिन्न आयाम बहुत अच्छे लगे| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  3. कुछ आदत या युवा दिखने की चाहत
    बाल रंगना न छूट पाया |
    जब बालों में पतझड़ आया
    उम्र ने भी प्रभाव दिखाया
    पहले तो उन्हें रंगा सवारा
    फिर भी जब असंतोष रहा
    कह दिया, है गंज
    निशानी विद्वत्ता की |
    सच है जी। सच है।

    जवाब देंहटाएं
  4. सौन्दर्य के विभिन्न आयाम बहुत अच्छे लगे| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया ! स्त्री पुरुष दोनों की फैशनपरस्ती को बड़ी बारीकी से व्याख्यायित किया है आपने ! बहुत सुन्दर रचना ! बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  6. गंज , निशानी है विद्वता की ...
    दिल बहलाने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है :)

    सौदर्य वर्णन ने लुभाया !

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके.,
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढिया रचना है ,वैसे गंजा होना शायद धनिक होने की निशानी है |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: