15 जून, 2011

है सम्बन्ध असंभव

है सामान्य कद काठी ,काला रंग भ्रमर सा
रिश्ते की चाहत ने उसे ,बेकल बनाया है |

तेज पैनी निगाह से ,पहले देखता रहा
दिखाए झूठे सपने ,उसे बहकाया है |

उसकी बातें सभी को ,प्रभावित कर जातीं
अपनी झूठी बातों से ,दुःख पहुंचाया है |

सौ बात की एक बात ,सम्बन्ध है असंभव
उसके व्यवहार ने ,मन को दुखाया है |

आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....धन्यवाद...

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  2. उसकी बातें सभी को ,प्रभावित कर जातीं
    अपनी झूठी बातों से ,दुःख पहुंचाया है |
    सौ बात की एक बात ,सम्बन्ध है असंभव
    उसके व्यवहार ने ,मन को दुखाया है

    झूठ भले ही थोड़ी देर के लिए प्रभावित करे
    लेकिन सच्चाई ज्यादा देर छुपती नहीं..
    और फिर दुखी मन को समझाना आसान हो जाता है....!!

    ***punam***
    bas yun...hi..

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  3. झूठ के साथ कोई सम्बन्ध नहीं टिकता ..अच्छी प्रस्तुति

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  4. sundar kavita
    kam shabdo mein bahut kuch kah dia aapane
    sanajy bahskar ji se pata pada aapake blog ka
    unhone bataya ke aap bhi ujjain se hain

    main to umar aur lekhan dono main aapase kafi chota hun par kafi accha laga aapke blog par aakar
    ise follow kar raha hun
    main bhi ujjain main hi rahta hun

    kabhi mere blog par aaiyega
    http://iamhereonlyforu.blogspot.com/
    dhanaywad

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  5. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति आशा जी ।

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  6. बहुत अच्छी लगी आपकी यह कविता.

    सादर

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  7. बहुत खूब ... सादे शब्दों मेी स्पष्ट अभिव्यक्ति ...

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  8. लोगों की मानसिकता को बड़ी सच्चाई के साथ स्पष्ट कर दिया है ! कई लोग ऐसे ही होते हैं ! सुन्दर अभिव्यक्ति ! बधाई !

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