वर्षा की पहली फुहार
कुछ इस तरह पडी चहरे पर
स्पंदन हुआ ऐसा
लगा आगई बहार बंजर खेतों में |
चमक द्विगुणित हुई
उस मखमली अहसास से
तेजी से हाथ चलने लगे
बोनी करने की आस में |
है कितना सचेत वह
यदि पहले से जानते
कई हाथ जुड़ गए होते
कार्यों के आबंटन में |
अभी भी देर नहीं हुई है
मिल बाँट कर सब होने लगा है
वह स्वप्न में खो गया है
अच्छी फसल की आस में |
जब हरियाली होगी
संतुष्टि का भाव होगा
ना घूमना पडेगा उसे
बहारों की तलाश में |
आशा
कुछ इस तरह पडी चहरे पर
स्पंदन हुआ ऐसा
लगा आगई बहार बंजर खेतों में |
चमक द्विगुणित हुई
उस मखमली अहसास से
तेजी से हाथ चलने लगे
बोनी करने की आस में |
है कितना सचेत वह
यदि पहले से जानते
कई हाथ जुड़ गए होते
कार्यों के आबंटन में |
अभी भी देर नहीं हुई है
मिल बाँट कर सब होने लगा है
वह स्वप्न में खो गया है
अच्छी फसल की आस में |
जब हरियाली होगी
संतुष्टि का भाव होगा
ना घूमना पडेगा उसे
बहारों की तलाश में |
आशा
खुबसूरत है बारिश की फुहार....
जवाब देंहटाएंभगवान आपकी आशा पूरी करे और झमाझम वारिश हो ...! हार्दिक शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत आशावादी और सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंwav!
जवाब देंहटाएंबरसात के माध्यम से खूबसूरत आशा का संचार किया है आपने.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपके दर्शन से खुशी मिलती है.
सावन की पहली रिमझिम फुहार ही सूखे मुरझाए मन प्राण में आशा एवं ताज़गी का सचार कर देती है ! ऐसे में हर्षित होना स्वाभाविक है ! सुन्दर रचना एवं सशक्त अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंवर्षा की पहली फुहार
जवाब देंहटाएंकुछ इस तरह पडी चहरे पर
स्पंदन हुआ ऐसा
लगा आगई बहार बंजर खेतों में |
--
सुन्दर अभिव्यक्ति!
इस कविता का तो जवाब नहीं !
जवाब देंहटाएंजब हरियाली होगी
जवाब देंहटाएंसंतुष्टि का भाव होगा
सुंदर उपमा देती कविता
bahut aashavaadi bhaav se paripoorn rachna.badhaai.
जवाब देंहटाएंlovely poem
जवाब देंहटाएंsunder srijan.
जवाब देंहटाएंवर्षा के मखमली अहसास से होते हुये फसल की आस तक परिपक्वता ही पहुँच सकती है.
जवाब देंहटाएंवह स्वप्न में खो गया है
अच्छी फसल की आस में |
जब हरियाली होगी
संतुष्टि का भाव होगा
ना घूमना पडेगा उसे
बहारों की तलाश में |
जरा गौर से देखियेगा....वह और कोई नहीं अपना हिंदुस्तान ही है जिसका पूरा इकानामिक्स ही इसी फसल पर टिका हुआ है.
मुझे कविता की कोई समझ नहीं है पर यह कविता सरल शब्दों मे है अर्थ पता चलता है आप के बारे मे जान कर खुशी हुई धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.