हो रही धरती बंजर
उभरी हैं दरारें वहाँ
वे दरारें नहीं केवल
है सच्चाई कुछ और भी
रो रहा धरती का दिल
फटने लगा आघातों से
वह सह नहीं पाती
भार और अत्याचार
दरारें तोड़ रही मौन उसका
दर्शा रहीं मन की कुंठाएं
क्या अनुत्तरित प्रश्नों का हल
कभी निकल पाएगा
प्रकृति से छेड़छाड़ की
सताई हुई धरा
है अकेली ही नहीं
कई और भी हैं
हर ओर असंतुलन है
जो जब चाहे नजर आता है
झरते बादल आंसुओं से
बूंदों के संग विष उगलते
हुआ प्रदूषित जल नदियों का
गंगा तक न बच पाई इससे
कहीं कहर चक्रवात का
कहीं सुनामी का खतरा
फिर भी होतीं छेड़छाड़
प्रकृति के अनमोल खजाने से
हित अहित वह नहीं जानता
बस दोहन करता जाता
आज की यही खुशी
कल शूल बन कर चुभेगी
पर तब तक
बहुत देर हो चुकी होगी |
आशा
झरते बादल आंसुओं से
जवाब देंहटाएंबूंदों के संग विष उगलते
हुआ प्रदूषित जल नदियों का
गंगा तक न बच पाई इससे |
kharaa sach yahee hai
बरबाद करने की होड़ मची है। वंशजो की थाती बेच मन नही भरता फ़िर भी हर दिन एक नया लोश लिये फ़िर लूटने निकल पड़ते हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिवयक्ति....
जवाब देंहटाएंपर्यावरण के संरक्षण के लिये चेताती एक अद्भुत रचना !
जवाब देंहटाएंहित अहित वह नहीं जानता
बस दोहन करता जाता |
आज की यही खुशी
कल शूल बन कर चुभेगी
पर तब तक
बहुत देर हो चुकी होगी |
विचारणीय पंक्तियाँ ! बहुत सुन्दर !
बहुत सुन्दर...बधाई
जवाब देंहटाएंgahan chintan karvati rachna...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना, बधाई!
जवाब देंहटाएंसार्थक और सटीक प्रस्तुति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंaapki chinta paryavaran ke sandarbh men bilkul sahi hai , abhar
जवाब देंहटाएंझरते बादल आंसुओं से
जवाब देंहटाएंबूंदों के संग विष उगलते
हुआ प्रदूषित जल नदियों का
गंगा तक न बच पाई इससे |
गहन सोच साझा करती सुंदर कविता
आज की यही खुशी
जवाब देंहटाएंकल शूल बन कर चुभेगी
पर तब तक
बहुत देर हो चुकी होगी |
सोदेशात्मक जीवन्त विचारों की बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
आज की यही खुशी
जवाब देंहटाएंकल शूल बन कर चुभेगी
पर तब तक
बहुत देर हो चुकी होगी |
bahut sarthak rachna
सचमुच, बहुत मंहगा पड रहा है ये सौदा।
जवाब देंहटाएं------
कम्प्यूटर से तेज़!
इस दर्द की दवा क्या है....
सही चिंता है आपकी ...अगर अभी भूल न सुधारी तो वक्त के साथ पछतावा होगा !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,आपकी कलम निरंतर सार्थक सृजन में लगी रहे .
जवाब देंहटाएंएस .एन. शुक्ल