भाषा अपनी भोजन अपना
रहने का अंदाज है अपना
भिन्न धर्म और नियम उनके
फिर भी बंधे एक सूत्रे से |
है देश के प्रति पूरी निष्ठा
रहते सब भाई चारे से
भारत में रहते हैं
हिन्दुस्तानी कहलाते हैं
फिर भाषा पर विवाद कैसा |
विचारों की अभिव्यक्ति के लिए
सांझा उनको करने ले लिए
कोइ तो भाषा चाहिए
हो जो सहज सरल
ओर बोधगम्य
लिए शब्दों का प्रचुर भण्डार |
हिन्दी तो है सम्मिलित रूप
यहाँ प्रचलित सभी भाषाओं का
जो भी उसे अपनाए
लगे वह उनकी अपनी सी |
जब इंग्लिश सीख सकते हैं
उसे अपना सकते है
फिर हिन्दी को अपनाने से
राष्ट्र भाषा स्वीकारने में
है परहेज कैसा ?
आशा
रहने का अंदाज है अपना
भिन्न धर्म और नियम उनके
फिर भी बंधे एक सूत्रे से |
है देश के प्रति पूरी निष्ठा
रहते सब भाई चारे से
भारत में रहते हैं
हिन्दुस्तानी कहलाते हैं
फिर भाषा पर विवाद कैसा |
विचारों की अभिव्यक्ति के लिए
सांझा उनको करने ले लिए
कोइ तो भाषा चाहिए
हो जो सहज सरल
ओर बोधगम्य
लिए शब्दों का प्रचुर भण्डार |
हिन्दी तो है सम्मिलित रूप
यहाँ प्रचलित सभी भाषाओं का
जो भी उसे अपनाए
लगे वह उनकी अपनी सी |
जब इंग्लिश सीख सकते हैं
उसे अपना सकते है
फिर हिन्दी को अपनाने से
राष्ट्र भाषा स्वीकारने में
है परहेज कैसा ?
आशा
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने !
जवाब देंहटाएंजब इंग्लिश सीख सकते हैं
उसे अपना सकते है
फिर हिन्दी को अपनाने से
राष्ट्र भाषा स्वीकारने में
है परहेज कैसा ?
यही तो कुछ भ्रमित लोग समझना नहीं चाहते ! हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
"जब इंग्लिश सीख सकते हैं
जवाब देंहटाएंउसे अपना सकते है
फिर हिन्दी को अपनाने से
राष्ट्र भाषा स्वीकारने में
है परहेज कैसा?"
सत्य वचन - आभार और धन्यवाद्
कोई माने या ना माने "हिंदी" ही राष्ट्र भाषा है - दूषित मन कुछ भी कह सकता है
बहुत सही बात कही है आपने इस कविता मे ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
सार्थक सन्देश देती अच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ ...
जवाब देंहटाएंइसकी प्रगति पथ के लिये रचनाओं का जन्म होता रहे ...
आभार ।
हिंदी दिवस की शुभकामनायें !आपकी कविता सन्देश वाहक है शिक्षाप्रद है !आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंसच ही तो है जब हम हिन्दुस्तानी है तो फिर हिन्दी को लेकर बवाल कैसा ,मगर कुछ हिंदुस्तानियों के ही कारण,जो हिंदुस्तान में ही रहते हैं किन्तु खुद की मात्र भाषा हिन्दी है स्वीकार करने से कतराते है।और उन्ही कम अकल लोगों की वजह से आज हमारी हिन्दी की दशा और दिशा दोनों ही बादल रही है.... बहुत अच्छी प्रस्तुति .....
जवाब देंहटाएंहिंदी की जय बोल |
जवाब देंहटाएंमन की गांठे खोल ||
विश्व-हाट में शीघ्र-
बाजे बम-बम ढोल |
सरस-सरलतम-मधुरिम
जैसे चाहे तोल |
जो भी सीखे हिंदी-
घूमे वो भू-गोल |
उन्नति गर चाहे बन्दा-
ले जाये बिन मोल ||
हिंदी की जय बोल |
हिंदी की जय बोल
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
जवाब देंहटाएंबिन निज भाषा
हिन्दी है आन हमारी,शान हमारी
जवाब देंहटाएंहिन्दी है हमको जान से प्यारी....
हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई..सुन्दर प्रस्तुति
हिन्दी के बिना भारत नहीं रहेगा।
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा
सुन्दर प्रस्तुति| हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस पर एक सार्थक सन्देश देती बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसार्थक संदेशयुक्त रचना...
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें !
सार्थक संदेश, हिंदी दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंहिंदी ही तो हमारी पहचान है ...
जवाब देंहटाएंhindi divas ki bahut bahut badhai...
जवाब देंहटाएंbas sirf ek divas na ban kar rah jaye hindi
देर से ही सही: हिन्दी दिवस की बहुत शुभकामनाएँ.
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