हम दौनों के बीच
यह कैसी दरार पड़ गयी
प्यार नाम की चिड़िया
कहीं कूच कर गयी |
पत्ता डाल से टूटा
सभी कुछ बेगाना लगा
जाने कब सांझ उतर आई
गुत्थी और उलझ गयी |
जितना भी सुलझाना चाहा
ऊन सी उलझती गयी
कंगन की गांठों की तरह
और अधिक कसती गयी |
एक हाथ से न खुल पाई
झटका दिया तोड़ डाला
है तेरी यह रुसवाई कैसी
सारी खुशियाँ ले गयी |
ना गिला ना कोइ शिकवा
फिर भी दूरी बढ़ गयी
जीवन की मधुरता को
जाने किसकी नज़र लगी |
आशा
यह कैसी दरार पड़ गयी
प्यार नाम की चिड़िया
कहीं कूच कर गयी |
पत्ता डाल से टूटा
सभी कुछ बेगाना लगा
जाने कब सांझ उतर आई
गुत्थी और उलझ गयी |
जितना भी सुलझाना चाहा
ऊन सी उलझती गयी
कंगन की गांठों की तरह
और अधिक कसती गयी |
एक हाथ से न खुल पाई
झटका दिया तोड़ डाला
है तेरी यह रुसवाई कैसी
सारी खुशियाँ ले गयी |
ना गिला ना कोइ शिकवा
फिर भी दूरी बढ़ गयी
जीवन की मधुरता को
जाने किसकी नज़र लगी |
आशा
जिंदगी पहेली की तरह ही होती है.....
जवाब देंहटाएंआदरणीय आशा माँ
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
मन को गहराई तक छूती बेहतरीन रचना !
कभी कभी ये दौर भी आता है .. अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी पास हो कर भी कभी कभी कितनी दूर होती है!
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम सृजन!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ! ऐसा भी कभी-कभी होता है ! लेकिन प्रयत्न करने पर सब ठीक भी हो जाता है ! एक यथार्थवादी सच्ची रचना ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंऐसी नौबत तो जिन्दगी में आ ही जाती है लेकिन प्रयास यह करना चाहिए कि ----
जवाब देंहटाएंरहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥
सुन्दर रचना !
Life is like that only...Everything is not in our hands...All we can do is to accept the situations coming our way...
जवाब देंहटाएंपत्ता डाल से टूटा
जवाब देंहटाएंसभी कुछ बेगाना लगा
जाने कब सांझ उतर आई
गुत्थी और उलझ गयी |
बहुत सुन्दर !
आभार !
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-708:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
भावमयी सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
दिल को छू गई पंक्तियाँ। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता!!
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आइये और अपने अनमोल संदेशों के द्वारा हमारा उत्साह बढाइये/आप हिंदी की सेवा इसी तरह अपने मेहनत और लगन से लिखी गई रचनाओं द्वारा करते रहें यही कामना है /आभार /लिंक नीचे दिया गया है /
जवाब देंहटाएंhttp://hbfint.blogspot.com/2011/11/19-happy-islamic-new-year.html
मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
जवाब देंहटाएंआओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
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बुधवारीय चर्चा मंच ।