चंचल चितवन के सैनों से ,क्यूं वार किया तुमने |
तुम हो ही इतनी प्यारी सी ,मन मोह लिया तुमने ||
मृदु मुस्कान लिए अधरों पर ,यूँ समक्ष आ गईं |
सावन की घनघोर घटा सी ,अर्श में छाती गयी ||
नहीं सोच पाया मैं अभी तक ,है ऐसा क्या तुम में |
रहता हूँ खोया खोया सा ,स्वप्नों में भी तुम में ||
क्या तुम भी वही सोचती हो ,करती हो प्यार मुझे |
या है मन भ्रमित मेरा ही ,तुम छलती रहीं मुझे ||
आशा
तुम हो ही इतनी प्यारी सी ,मन मोह लिया तुमने ||
मृदु मुस्कान लिए अधरों पर ,यूँ समक्ष आ गईं |
सावन की घनघोर घटा सी ,अर्श में छाती गयी ||
नहीं सोच पाया मैं अभी तक ,है ऐसा क्या तुम में |
रहता हूँ खोया खोया सा ,स्वप्नों में भी तुम में ||
क्या तुम भी वही सोचती हो ,करती हो प्यार मुझे |
या है मन भ्रमित मेरा ही ,तुम छलती रहीं मुझे ||
आशा
नहीं सोच पाया मैं आभी तक ,है ऐसा क्या तुम में |
जवाब देंहटाएंरहता हूँ खोया खोया सा ,स्वप्नों में भी तुम में ||
वाह आंटी।
सादर
मोह लिया सुन्दर रचना ने .
जवाब देंहटाएंक्या तुम भी वही सोचती हो ,करती हो प्यार मुझे |
जवाब देंहटाएंया है मन भ्रमित मेरा ही ,तुम छलती रहीं मुझे ||
अंतिम पंक्तियाँ एक प्रश्न छोडती हैं , बधाई.........
प्यार के रंग से सराबोर बहुत हे खूबसूरत और उत्कृष्ट प्रविष्टि आभार...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंमादक थी मोहमयी थी ..
जवाब देंहटाएंमन बहलाने की क्रीडा ..
अब ह्रदय हिला देती है ...
वह मधुर प्रेम की पीड़ा ...
यही पंक्तियाँ याद आ गयीं ..
बहुत सुंदर लिखा है .....
प्रेम के रंग में रंगी मधुर रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति .... बधाईयाँ जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.क्या बात है.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
.
प्रेम मिलने पर और नहीं मिलने पर
जवाब देंहटाएंलोग तो दोनों ही हालत में भ्रमित होते है ...!
बहुत सुन्दर रचना !
आभार !
चंचल चितवन के सैनों से ,क्यूं वार किया तुमने |
जवाब देंहटाएंतुम हो ही इतनी प्यारी सी ,मन मोह लिया तुमने
aapne bhi man moh liya......
मन के भावों को बखूबी कहा है ..
जवाब देंहटाएंप्रेम की सुंदर अभिव्यत्ति मन के भावों छूती पन्तियाँ,...बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबधाई ...मेरे नए पोस्ट में स्वागत है
prem ki sundar abhivyakti...
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 08 -12 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज... अजब पागल सी लडकी है .
सुंदर रचना!
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