09 दिसंबर, 2011

छंद लेखन

छंद लेखन होगा कठिन यह ,आज तक सोचा न था |
होगी कठिन इतनी परिक्षा ,यही तो जाना न था ||

फिर भी प्रयत्न नहीं छोड़ा ,बार बार नया लिखा |
ना पा सकी सफलता तब भी ,ध्यान मात्रा का रखा ||

यह नहीं सोचा हो गेय भी ,भावना में खो गयी |
गणना में मात्रा की उलझी ,सोचती ही रह गयी ||

सफलता से है दूरी अभी ,आज तक समझा यही |
मन मेरा यह नहीं मानता ,चाहता जाना वहीँ ||
आशा



11 टिप्‍पणियां:

  1. नये लेखन के प्रयास के लिए बधाई

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  2. बहुत बातें न जानना ही अच्छा होता है .

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  3. प्रयास जारी रखिये ! एक दिन निर्दोष छंद रचना में भी सफलता ज़रूर मिलेगी ! Keep it up.

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