बोझ क्यूँ समझा है इसे
है नाम जिंदगी इसका
सोचो समझो विचार करो
फिर जीने की कोशिश करो |
यत्न व्यर्थ नहीं जाएगा
जिंदगी फूल सी होगी
जब समय साथ देगा
जीना कठिन नहीं होगा |
माना कांटे भी होंगे
साथ कई पुष्पों के
दे जाएगे कभी चुभन भी
इस कठिन डगर पर |
फिर भी ताजगी पुष्पों की
सुगंध उनके मकरंद की
साथ तुम्हारा ही देगी
तन मन भिगो देगी |
होगा हर पल यादगार
कम से कमतर होगा
कष्टों का वह अहसास
जो काँटों से मिला होगा |
सारा बोझ उतर जाएगा
छलनी नहीं होगा तन मन
कठिन नहीं होगा तब उठाना
इस फूलों भरी टोकरी को |
आशा
है नाम जिंदगी इसका
सोचो समझो विचार करो
फिर जीने की कोशिश करो |
यत्न व्यर्थ नहीं जाएगा
जिंदगी फूल सी होगी
जब समय साथ देगा
जीना कठिन नहीं होगा |
माना कांटे भी होंगे
साथ कई पुष्पों के
दे जाएगे कभी चुभन भी
इस कठिन डगर पर |
फिर भी ताजगी पुष्पों की
सुगंध उनके मकरंद की
साथ तुम्हारा ही देगी
तन मन भिगो देगी |
होगा हर पल यादगार
कम से कमतर होगा
कष्टों का वह अहसास
जो काँटों से मिला होगा |
सारा बोझ उतर जाएगा
छलनी नहीं होगा तन मन
कठिन नहीं होगा तब उठाना
इस फूलों भरी टोकरी को |
आशा
बोझ क्यूँ समझा है इसे
जवाब देंहटाएंहै नाम जिंदगी इसका
सोचो समझो विचार करो
फिर जीने की कोशिश करो |
बिलकुल सही कह रही हैं आप. सुंदर सन्देश देती खूबसूरत रचना.
फूलों भरी टोकड़ी ..जिन्दगी ..कमाल बिम्ब..कमाल रचना..
जवाब देंहटाएंjindagi ko aise hee hausalon kee jarurat hai..bahtarin rachna..sadar badhayee
जवाब देंहटाएंकोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएं--
आशा जी अपने बारे में कुछ मेल में मुझे भेजिए।
मैं तो आपके बारे में इतना ही जानता हूँ कि आप मेरी पसंदीदा कवयित्री श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना की पुत्री हैं।
बहुत सुन्दर संदेश देती सार्थक रचना जीजी ! आज जीवन में इसी आशावादी सोच की बहुत ज़रूरत है ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंज़िंदगी को जीना सिखाती सुन्दर रचना ..
जवाब देंहटाएंजिंदगी जीने का बेहतरीन फलसफा......
जवाब देंहटाएंaisi hi hai ye jindagi
जवाब देंहटाएंपावन होली कीशुभकामनाएं......
जवाब देंहटाएंआप की लिखी.....
इस खूबसूरत पोस्ट को......
दिनांक 20/03/2022 को
पांच लिंको का आनंद पर लिंक किया गया है। आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद।
इस आशा पर जीता संसार । साधुवाद ।
जवाब देंहटाएं