देखे विहग व्योम में उड़ते
लहराती रेखा से
थे अनुशासित इतने
ज़रा न इधर उधर होते
प्रथम दिवस का दृश्य
हुआ
साकार फिर से
यह क्रम
रोज सुबह रहता
होते ही प्रातः बढ़ते
कदम
खुले आकाश के नीचे
यही मंजर देखने के लिए
अब तो नियम सा हो
गया
उन्हें देखने का
ना होता कोइ
दिग्भ्रमित
ना ही बाहर रेखा से
अग्र पंक्ति का पीछा
करते
कतार बद्ध आगे बढ़ते
हुआ विस्मय यह देख
समय तक निश्चित उनका
मोल समय का जानते
उसे साध कर चलते
गति थी एकसी सबकी
लगता था क्रम तक
निश्चित
शायद उनसे ही सीखा
हो
कदम ताल करना
अग्र पंक्ति से कदम मिला कर
दूर तक जाना
हो स्वअनुशासित परेड में
एक ताल पर चलना |
आशा
बेहतरीन कविता
जवाब देंहटाएंसादर
अनुशासित अनुपम उड़ान की,
जवाब देंहटाएंअनुभूती अंतर्मन कर ले ।
जीवन सफ़र सरल हो जाये,
आसमान मुट्ठी में भर ले ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
सुन्दर परिकलपना पंछी देते सीख जगत को
जवाब देंहटाएंSundar rachna :)
जवाब देंहटाएंpalchhin-aditya.blogspot.in
जीवन में अनुशाशन का प्रमाण देती बेहतरीन रचना..!
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
hum se jyada anushasit to ye janvar ,pakshi hain prakarti hume bahut kuch sikhati hai.aapki rachna ka bhaav lajabaab hai aasha ji.
जवाब देंहटाएंसन्देश देती रचना.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना..!
जवाब देंहटाएंजीवन सफ़र सरल हो जाये,
आसमान मुट्ठी में भर ले ।।
इस उम्दा रचना को पढ़वाने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंवाकई यदि हम चाहें तो अनुशासन और नियम का सबक इन परिंदों से सीख सकते हैं ! सचमुच अद्भुत प्रतीत होता है सम गति से समूह में इनका एक साथ उड़ना ! आपकी प्रेरणा के स्त्रोत कभी-कभी हैरान कर देते हैं ! बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता -आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रसंसनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना के लिए बधाई .
जवाब देंहटाएंआशा जी,..आपका समर्थक बन गया हूँ भी बने,मुझे खुशी होगी,..
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
बहुत बढ़िया प्रसंसनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंआशा जी,..फालोवर बन गया हूँ आप भी फालो करे तो मुझे बहुत खुशी होगी...आभार
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
bahut achchi lagi aapki kavita......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंumda rachna!
जवाब देंहटाएंpyaari kavita
जवाब देंहटाएंसच है इंसान बदल गए उसके तौर तरीके बदल गए लेकिन परिंदे अपना अनुशासन नहीं भूले सीख लेना चहिये हमें उनसे... बहुत अच्छी अभिव्यक्ति... सादर
जवाब देंहटाएंbahut sunder aur anupam rachanaa.bahut badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंआप का बहुत बहुत धन्यवाद की आप मेरे ब्लॉग पर पधारे और इतने अच्छे सन्देश दिए /आपका आशीर्वाद मेरी रचनाओं को हमेशा इसी तरह मिलता रहे यही कामना है /मेरी नई पोस्ट आपकी टिप्पड़ी के इन्तजार में हैं/ जरुर पधारिये /लिंक है /
http://prernaargal.blogspot.in/2012/02/happy-holi.html
मैंने एक और कोशिश की है /अगर आपको पसंद आये तो उत्साह के लिए अपने सन्देश जरुर दीजिये /लिंक है
http://www.prernaargal.blogspot.in/2012/02/aaj-jaane-ki-zid-na-karo-sung-by-prerna.html
आप का बहुत बहुत धन्यवाद की आप मेरे ब्लॉग पर पधारे और इतने अच्छे सन्देश दिए /आपका आशीर्वाद मेरी रचनाओं को हमेशा इसी तरह मिलता रहे यही कामना है /मेरी नई पोस्ट आपकी टिप्पड़ी के इन्तजार में हैं/ जरुर पधारिये /लिंक है /
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