इन्द्रधनुषी छटा बिखरी
प्रकृति के हर कौने
में
विविध रंगों में
रंगी
प्रकृति नटी
स्वप्नों में
सतरंगी चूनर पहन
विचरण करती मधुवन
में
एक अनोखे रंग में
शुभ्र चन्द्र की धवल
चांदनी
बिखरी जल थल और नभ
में
धवल हुआ अम्बर
लिपटी अवनी श्वेत
आवरण में
ढकी बर्फ से पर्वत
माला
श्वेत दिखी जल की
धारा
मुखरित शान्ति का
भाव हुआ
एक अद्भुद अनुभव हुआ
देते सन्देश शान्ति
का
सदभाव के प्रतीक वे
सन्देश वाहक अमन चैन
के
छोड़ कर संकीर्णता
दृष्टि विहंगम जब
डाली
तभी दुनिया देखी
रंगों की
है हरा रंग हरियाली
का
दुनिया में खुशहाली
का
लाल रंग प्रेम का ऐसा
लग जाए तो छूटे ना
केशरिया रंग शौर्य का
समर क्षेत्र की
आवश्यकता
काले रंग से भय लगता
अन्धकार में कुछ न
दीखता
श्वेत रंग अमन चैन
का
इसमें समाहित सभी
रंग
सभी को आत्मसात करता
है नायाब तरीका भाईचारे का
आपस में हिलमिल रहने
का |
आशा
सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार !
हर रंग का अपना महत्व है ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रंगमय प्रस्तुति ....
आभार ..!
bahut sundar prastuti.badhai
जवाब देंहटाएं.ये वंशवाद नहीं है क्या?
बढ़िया ।।
जवाब देंहटाएंबढ़िया ।।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट कल 15/3/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-819:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
बहुत बढ़िया भावपूर्ण सुंदर सतरंगी रचना,...
जवाब देंहटाएंRESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
बहुत सुंदर रचना ... प्रकृति के रंग में रंगी ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंरंग और जीने के ढंग दोनों ही....
सादर.
हर रंग की महिमा दर्शाती सुन्दर रचना ! बधाई !
जवाब देंहटाएंइसमें समाहित सभी रंग
जवाब देंहटाएंसभी को आत्मसात करता
है नायाब तरीका भाईचारे का
आपस में हिलमिल रहने का
wah.....kya baat hai.
सभी रंगों की अपनी सुंदरता है...बहुत सुंदर और सकारात्मक अभिव्यक्ति..आभार
जवाब देंहटाएंनायाब तरीका है तो !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति... आशाजी आपकी पुस्तक "अनकहा सच "के प्रकाशन के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूबसूरत प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआशा माँ ....आपके संग्रह "अनकहा सच "के प्रकाशन के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई