बीती बातें मैं ना
भूला
कोशिश भी की मैंने
इंतज़ार मैं कब तक
करता
गलत क्या किया मैंने
|
पहले मुझे अपना लिया
फिर निमिष में बिसरा दिया
अनुरोध कितना खोखला
प्रिय आपने यह क्या किया |
है आज बस अनुरोध
इतना
घर में आ कर रहिये
रूखा सूखा जो मैं
खाता
पा वही संतुष्ट
रहिये |
आशा
बहुत प्यारा सा अनुरोध ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अनुरोध..
जवाब देंहटाएंpyar bhara.....
जवाब देंहटाएंसच... प्यारा निवेदन......
जवाब देंहटाएंकौन टाल सकेगा ऐसा अनुरोध...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!!!
सादर
अनु
अगर अनुरोध ऐसा हो तो क्या बात हो सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंकितना प्यार भरा खूबसूरत अनुरोध
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल २५/९/१२ मंगलवार को चर्चाकारा राजेश कुमारी के द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां स्वागत है
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्यार भरा अनुरोध,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता,
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंwaah bahut badiya
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ! ऐसा प्यारा नेह निमंत्रण भला कौन ठुकरा सकता है ! आना ही होगा उसे !
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