आदित्य की प्रथम किरण सा
कितना सुखद सानिध्य
और तुम्हारा स्नेहिल स्पर्श
कर जाता अभिमंत्रित
मन मयूर को\
व्योम में सूर्य बिम्ब से
अरुणिम अधर
प्रमुदित करते
मधुर मुस्कान से
फूल झरते
अदभुद भाव लिए मुख पर
कर जाती बिभोर
टीस सी होने लगती जब
कोई छूना चाहता तुम्हें
चाहत है यही
भूले से भी न छुए किसी का
साया भी तुम्हे
सृष्टि की अनमोल कृति हो
ऐसी ही रहो |
आशा
behtreen abhivaykti....
जवाब देंहटाएंमधुर मुस्कान से
जवाब देंहटाएंफूल झरते
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sundar rachna
बहुत बढ़िया आंटी
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
जवाब देंहटाएंमधुर भाव,सुन्दर अभिव्यक्ति ;
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : काश ! हम सभ्य न होते
बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,सुंदर रचना,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,
बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंनववर्ष मंगलमय हो..
सादर
अनु
फूल झरते
जवाब देंहटाएंअदभुद भाव लिए मुख पर ............अद्भुत अद्भुत।।।।।अद्-भुत ....
कर जाती बिभोर
टीस सी होने लगती जब
कोई छूना चाहता तुम्हें
चाहत है यही
भूले से भी न छुए किसी का
साया भी तुम्हे
सृष्टि की अनमोल कृति हो
ऐसी ही रहो |
आशा
बहुत सुन्दर भाव और विचार की अभिव्यक्ति हुई है रचना में .
बहुत बढ़िया.सुन्दर रचना..आप को
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
bahut sunder......
जवाब देंहटाएंइस वक्त वक्त मुद्दा है उस कथित ना -बालिग़ का जिसकी दरिंदगी ने बर्बरता को भी मात किया .इसे क़ानून की आड़ में ओट लेकर भागने न दिया जाए .ये कैसा ना -बालिग़ है ? शुक्रिया आपकी सद्य
जवाब देंहटाएंटिपण्णी .
आकर्षक चित्र के साथ मनमोहिनी रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएं♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
आदित्य की प्रथम किरण सा
कितना सुखद सानिध्य और तुम्हारा स्नेहिल स्पर्श
कर जाता अभिमंत्रित मन मयूर को
बहुत सुंदर !
आदरणीया आशा जी
आभार !
श्रेष्ठ सृजन की आकांक्षा सहित …
हार्दिक शुभकामनाएं …
राजेन्द्र स्वर्णकार
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