19 फ़रवरी, 2013

हैं कितने अरमां

हैं कितने अरमां 
तेरी चरण रज पाने के 
हो तल्लीन तेरी सेवा में 
तुझी में रम जाने के 
प्रातः सुनती मधुर  धुन 
या भक्ति  भाव से  भरे भजन
बस एक ही विनती करती 
इस भव सागर के बंधन से
करो मेरा उद्धार प्रभू 
बाधाएं मेरी कम न होतीं 
चहु ओर से घेरे रहतीं 
उनकी संख्या अनंत 
जाने कितने  सहे 
गर्म हवाओं के थपेड़े 
इस  काँटों से भरे मार्ग पर 
आत्मा लहुलुहान हुई 
जीर्ण क्षीण काया हुई 
फिर भी आशा कम न हुई 
तेरे द्वार आने की 
है बड़ा अरमान 
तुझ में खो जाने का 
भवसागर कर पार 
तेरे दर पर आने का |



20 टिप्‍पणियां:

  1. है बड़ा अरमान
    तुझ में खो जाने का
    भवसागर कर पार
    तेरे दर पर आने का
    --------------------------
    सजदे में झुकते ह्रदय भाव

    जवाब देंहटाएं
  2. ईस्वर की अनुकम्पा अपने उन्ही भक्तो पे होती है जिनमे धैर्य आत्मविश्वास और सकारात्मकता हो ,बहुत अच्छी अभिव्यक्ति ,शुभकामनाये ,बहुत बहुत साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. भक्ति और समर्पण की भाव दर्शाती सुन्दर कविता
    latest post पिंजड़े की पंछी

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रभु प्रेम में पगी सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! सुबह-सुबह मन प्रसन्न हो गया ! बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी यह पोस्ट आज के (२० फ़रवरी २०१३) Bulletinofblog पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही मधुर प्रस्तुति.आभार है आपका.

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर, अति सुन्दर और क्या कह सकते हैं। :)

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर, अति सुन्दर और क्या कह सकते हैं। :)

    जवाब देंहटाएं
  9. simply superb.

    तन दिया है मन दिया है और जीवन दे दिया
    प्रभु आपको इस तुच्छ का है लाखों लाखों शुक्रिया

    चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
    प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो

    जवाब देंहटाएं
  10. बढ़िया विनती सामूहिक प्राथना है यह रचना .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

    जवाब देंहटाएं
  11. हर शब्द शब्द की अपनी अपनी पहचान बहुत खूब

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

    जवाब देंहटाएं
  12. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  13. आप की ये खूबसूरत रचना शुकरवार यानी 22 फरवरी की नई पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है...
    आप भी इस हलचल में आकर इस की शोभा पढ़ाएं।
    भूलना मत

    htp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
    इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है।

    सूचनार्थ।

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: