29 दिसंबर, 2013

खिलती धूप

उड़े पखेरू 
पंख फैला पक्षी सा 
मन उड़ता |

खिलती धुप 
दमकता चेहरा 
प्यारा लगता |


आशा

18 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ! क्या बात है ! अति सुंदर !

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (30-12-13) को "यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ" (चर्चा मंच : अंक-1477) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. टिप्पणी हेतु धन्यवाद और सूचना हेतु आभार |
      आशा

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  3. बहुत सुन्दर!
    शब्द और तस्वीर का सुन्दर समन्व्यय!

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