हर रंग जीवन में आता
किसका कैसा जीवन है
वही उसे परिलक्षित करता |
सात रंग से सजा इंद्र धनुष
सातों फिर भी नहीं दीखते
आपस में मिलने जुलने से
हाथ मिला संधी करते |
जब एक दूसरे पर होते हावी
एक वजूद खोता अपना
प्रथम में विलय हो जाता
अद्भुद छटा बिखराता |
सप्तपदी लगती आवश्यक
अटूट बंधन में बंधने को
जन्म जन्म तक साथ रहे
मन्नत यही माँगते |
सात अजूबे दुनिया के
सभी देखना चाहते
कुछ ही होते भाग्यशाली
उन्हें देखने का सुख पाते |
सात का होगा इतना महत्व
पहले जान न पाया
विचार शून्य सा होने लगा
तभी जान पाया |
आशा
Bahut sundar
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंसात अंक की सच में बड़ी महिमा है हमारे जीवन में ! बहुत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंसाधू साधू
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंBeautiful!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंबेहतरीन रचना , आ. धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंनवीन प्रकाशन - घरेलू उपचार ( नुस्खे ) - भाग - ८
~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )
बहुत खूब ....जीवन में रंगो का अपना ही महत्व है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनु जी |
हटाएंसात सच में महत्वपूर्ण अंक है। सात वार, सप्तऋषि, सप्तपदी, सात रंग, सात सुर, सात स्वर्ग, सप्तधातु और भी न जाने क्या क्या। अच्छी लगी आपकी ये कविता।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आशा जी |
हटाएंबहुत सुंदर कविता, सच मेँ सात अंको का बड़ा अद्भुत खेल है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |
हटाएंसूचना हेतु आभार सर |
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