30 अप्रैल, 2014

चंद हाइकू





(१)
एक भावना 
प्यार जताने की है 
विकार हीन |
(२)
जलती चिता 
मुक्ति है संसार से 
हुई विरक्ति |
(३)
अंतिम सांस 
अब साथ छोडती 
न गयी तृष्णा |
(४)
ना यह दिल
 है मेरा आशियाना 
हूँ यायावर |
(5)
रात कटे ना
चंद सपने साथ
मेरी सौगात
(६)
रात कटे ना
जागती विरहणी
कोइ जाने ना |
(७)
चंचल मन
बहकते कदम
कहाँ जाएगा |

8 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन के विविध रंग समेटे बहुत सुंदर हाईकू !

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  2. bahut achha chitran kiya hai alag alag haiku mein

    shubhkamnayen

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