20 मई, 2014

ये चंद लकीरें


hand
बनी हर हाथ में
ये चंद लकीरें
रहती सदा उत्सुक
बहुत कुछ कहने को
पर सुनने वाला तो हो |
जीवन का पूरा चिट्ठा
लिखा विधाता ने इनमें
पर सही पढने वाला
कोई  तो हो |
जब कोइ हादसा हो
या कोइ समस्या हो
होती क्षमता इनमें
सतर्क करने की
जो हस्त रेखा पढ़ पाए
रेखाएं  मस्तिष्क की समझ पाए
जानकार ऐसा तो हो |
कुछ अध्यन करते
सत्य  बताते
पर  तकदीर की लकीरों पर
विश्वास  तो हो |
आशा

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आपका आभार आदरेया।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया ! हाथ की लकीरों को सही समझने वाला और समझाने वाला भी तो हो ! जानना तो सब चाहते हैं लेकिन विश्वास नहीं कर पाते ! सुंदर रचना !

    जवाब देंहटाएं
  3. हाथों की चंद लकीरों का, ये खेल है सब तकदीरों का।

    जवाब देंहटाएं
  4. कौन समझ पाया है लकीरों के उलझे जाल को.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पर उनके अस्तित्व को भी झुटलाया नहीं जा सकता |

      हटाएं
  5. हाथ की लकीरें भी तो म्हणत से पढ़ी जाती हैं ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उसी महनत की लोग कदर नहीं जानते |टिप्पणी हेतु धन्यवाद सर |

      हटाएं

Your reply here: