02 मार्च, 2015

होली पर चन्द हाईकू






तूलिका डूबी
भावना के रंग में
सक्रीय हुई |

होलिका भस्म
बुराई साथ लिये
प्यार ही पले |

नवल धान
खेतों में उपजाया
भोग लगाया |


मीठी गुजिया
मुंह में घुल जाती
प्यार बांटती |


कान्हां ने खेली
केशर संग होली
राधा न भूली |

गोप गोपियाँ
डाले गल बहियाँ
होली खेलते |

भीगी अंगिया
टपकती चूनर
रंग में रंगी |

·
खेलती होली
रंग रसिया संग
हो जाती मग्न |


द्वेष न राग
गया बैर कहीं भाग
रहा सोहाद्र |



होली में होलीँ
मन की जो बतियां
प्रीत निभाई |
आशा


आशा

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