बूँदें स्नेह की
मन पर पड़तीं
प्यार जतातीं |
बूंदे जल की
धरा पर बरसीं
पृथ्वी सरसी |
मन पर पड़तीं
प्यार जतातीं |
बूंदे जल की
धरा पर बरसीं
पृथ्वी सरसी |
जल संचय
बूँद बूँद से होता
घट भरता |
जल से भरा
सर पर सोहता
घट छलका |
बूँदें जल की
नयनों से बरसीं
रुक न सकीं |
बहते अश्रु
सागर के जल से
कपोल भीगे |
बूँदें ओस की
पुष्पों पर दीखतीं
हुई सुबह |
नव पल्लव
हो गए शवनमी
ओस जल से |
आशा
बूँद बूँद से होता
घट भरता |
जल से भरा
सर पर सोहता
घट छलका |
बूँदें जल की
नयनों से बरसीं
रुक न सकीं |
बहते अश्रु
सागर के जल से
कपोल भीगे |
बूँदें ओस की
पुष्पों पर दीखतीं
हुई सुबह |
नव पल्लव
हो गए शवनमी
ओस जल से |
आशा
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