इतने दिन तक कहाँ रहीं
याद न किया मुझे
दौड़ कर आ जा तुझे
अपनी बाहों में झुलाऊँ|
अपनी पलकों में छिपालूं
तेरे सारे गम चुन लूं
तुझे खरोंच न आने दूं
सारी विपदा खुद वर लूं |
है मेरी अमूल्य निधि
बड़े जतन से तुझे सहेजूँ
तेरी एक मुस्कान देख
मन में स्वप्न सजाऊँ|
आ मेरी गोदी में आ जा
आँचल में तुझे छिपाऊँ
किसी की नजर न लगे
डिठोना तुझे लगाऊँ |
है मन मोहिनी छबि तेरी
मैं तेरी बलाएं ले लूं
तुझे देख हर पल जी लूं
सब धन मैं पा जाऊं |
आशा
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