29 सितंबर, 2015

शिक्षा का महत्त्व


शिक्षा बेटी की  :-
नन्हीं कली नाजों में पली
दिन रात विहसती रहती थी
चिंता चिता समान जान
उससे दूरी रखती थी |
पहले दिन शाला गई
कक्षा में प्रवेश किया
बोझ  बस्ते का था भारी
थकित चकित वह बैठ गई |
पाठ बड़ा ही कठिन लगा
अवधान केन्द्रित ना हो पाया
जाने कब होगी छुट्टी
उसने सोचा कहाँ आ गई |
समस्त  आजादी गई
उबाऊ पठन  पाठन से 
भागने का मन होता
शाला जाने का मन न होता |
एक दिन अचानक
जाने कहाँ  से पत्र आया
जब पढ़ न पाई
अपनी गलती पर पछताई |
यदि कहना मानती
आज यह गति ना होती
ध्यान से पढ़ने लगी
ऎसी उसे लगन लगी |
छिपी प्रतिभा समक्ष आई 
मिला सहयोग भी  यथोचित
एक दिन वही बेटी 
उच्च पदासीन हुई 
माँ पिता की शान हुई |
उसने अपनी  क्षमता को पहचाना   
थी सब के मुंह पर एक ही बात
बेटी हो तो ऎसी हो
शिक्षा का महत्व जानती हो

आशा

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