टूटे वीणा के तार
कभी ना जुड़ पाए
किये प्रयास हजार
पर न सुधर पाए
पहले सी मिठास नहीं
सुर बेसुर हो गए
कण कटु लगने लगे
आकर्षण से दूर हुए
खीचातानी अधिक हुई
सहन न कर पाए
हुए बेआव़ाज
टूट कर रह गए
तार तार हो गए
पर हार ना मानी उसने
प्रयत्न निरंतर करती थी
तार न जाने कब जुड़ जाएं
इसी आशा पर जीती थी
आस बिश्वास की डोर में
बंधती गई उलझती गई
जाने कब डोर झटके से टूटी
सारे स्वप्न बिखर गए
टूटे दिल के तार
फिर कभी ना जुड़ पाए |
आशा
पहले सी मिठास नहीं
सुर बेसुर हो गए
कण कटु लगने लगे
आकर्षण से दूर हुए
खीचातानी अधिक हुई
सहन न कर पाए
हुए बेआव़ाज
टूट कर रह गए
तार तार हो गए
पर हार ना मानी उसने
प्रयत्न निरंतर करती थी
तार न जाने कब जुड़ जाएं
इसी आशा पर जीती थी
आस बिश्वास की डोर में
बंधती गई उलझती गई
जाने कब डोर झटके से टूटी
सारे स्वप्न बिखर गए
टूटे दिल के तार
फिर कभी ना जुड़ पाए |
आशा
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