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सुदर्शन सुन्दर
मनमोहक छवि तेरी
रोम रोम में बसी
भाव भंगिमा तेरी
तेरा मुकुट
तेरी बाँसुरी
सब से अलग
हैं केवल तेरे ही
श्याम सलोने
मां के दुलारे
वह जाए तुझ पर वारी
जब माखन खाए गिराए
मनवा को भा जाए
नयनों में आ बसी
अनमोल भंगिमा तेरी
श्याम सलोने
तेरी कमली तेरी लाठी
तेरी धैनूं तेरे सखा
मुझको बहुत सुहाय
तू सबसे अलग लगे
मन से छवि न जाय |
आशा
मनमोहक छवि तेरी
रोम रोम में बसी
भाव भंगिमा तेरी
तेरा मुकुट
तेरी बाँसुरी
सब से अलग
हैं केवल तेरे ही
श्याम सलोने
मां के दुलारे
वह जाए तुझ पर वारी
जब माखन खाए गिराए
मनवा को भा जाए
नयनों में आ बसी
अनमोल भंगिमा तेरी
श्याम सलोने
तेरी कमली तेरी लाठी
तेरी धैनूं तेरे सखा
मुझको बहुत सुहाय
तू सबसे अलग लगे
मन से छवि न जाय |
आशा
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